भारतीय टीम के अद्भुद खिलाङी और 1979 में पहली बार अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने वाले यशपाल शर्मा का आज निधन हो गया है। खबरों के अनुसार कहा जा रहा है कि मंगलवार सुबह दिल को दौरा पङने का कारण यशपाल की मृत्यु हो गई है। आपको बता दें कि क्रिकेटर यशपाल शर्मा ने भारत की ओर से कुल 37 टेस्ट और 42 वनडे इंटरनेशनल मैच खेले हैं। उनके खाते में कुल 1606 टेस्ट और 883 टेस्ट रन दर्ज हैं, जबकि एक-एक टेस्ट और वनडे विकेट भी उनके नाम पर हैं। यशपाल शर्मा ने लॉर्ड्स के मैदान पर 2 अगस्त 1979 को अपना पहला इंटरनेशनल मैच खेला था।
शर्मा का जन्म 11 अगस्त 1954 को पंजाब के लुधियाना में हुआ था। 66 साल की उम्र में उनका निधन हुआ। यशपाल शर्मा ने 1972 में पंजाब स्कूल्स की तरफ से जम्मू-कश्मीर स्कूल्स के खिलाफ 260 रनों का रिकॉर्ड दर्ज किया था। जिसके बाद वह पहली बार बेहतरीन क्रिकेटर के रूप में दिखाई दिए थे। इसके दो साल के अंदर उन्होंने राज्य क़ी टीम में जगह बनाई थी। 1979 वर्ल्ड कप के लिए वह भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा थे, लेकिन उन्हें उस समय एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला। 1983 वर्ल्ड कप में उन्होंने भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाते हुए पहले मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ 89 रनों की पारी खेली थी।
वह उस मैच में मैन ऑफ द मैच भी बने थे। वर्ल्ड कप 1983 में इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में उनकी अर्धशतकीय पारी क्रिकेट के सभी दर्शकों के लिए एक यादगार पल थी। वह 2000 के दशक के शुरुआती सालों में नेशनल सिलेक्टर भी रहे थे। वेंगसरकर ने कहा, ‘यह अविश्वसनीय है। वह हम सभी में सबसे अधिक फिट था। हम जब उस दिन मिले थे, तो मैंने उससे उसकी दिनचर्या के बारे में पूछा था। वह शाकाहारी था। रात को खाने में सूप लेता था और सुबह की सैर पर जरूर जाता था। मैं सकते में हूं।’
यशपाल शर्मा ने रणजी ट्राफी में तीन टीमों पंजाब, हरियाणा और रेलवे का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 160 फर्स्ट क्लास मैचों में 8,933 रन बनाए, जिसमें 21 शतक शामिल हैं। उनका बेस्ट स्कोर नॉटआउट 201 रन रहा। वह अंपायर भी थे और दो महिला वनडे मैचों में उन्होंने अंपायरिंग भी की। वह उत्तर प्रदेश रणजी टीम के कोच भी रहे थे।