देश में कोरोना संक्रमण के कारण चिकित्सा व्यवस्था की असलियत सबके सामने आगयी। संक्रमण की दूसरी लहर ने तो जैसे देश में एक भयावह माहौल तैयार कर दिया। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस और नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के विशेषज्ञों ने दोनों लहरों की क्लीनिकल प्रोफाइल देख कर ही एक रिसर्च की गई। इस स्टडी के अनुसार, पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में युवा सबसे ज्यादा संक्रमित हुए हैं। हालांकि, दोनों ही लहर में अस्पताल में भर्ती होने वाले 70 फीसदी संक्रमितों की उम्र 40 से ज्यादा थी। यह स्टडी सिर्फ इसलिए की गई ताकि लोगों को पहली और दूसरी लहर के बीच अंतर समझ आ सके। यह सारा डेटा नेशनल क्लिनिकल रजिस्ट्री से लिया गया। इस पूरी पड़ताल में देशभर के 41 अस्पतालों को शामिल किया गया। इस स्टडी में पहली लहर का डेटा 1 सितंबर से 31 जनवरी 2020 तक का लिया गया है । जबकि दूसरी लहर का डेटा 1 फरवरी से 11 मई 2021 तक के बीच का लिया गया है।
ये कहा जा रहा है कि 20 साल से कम उम्र के लोगों को छोड़कर दूसरी लहर ने सभी उम्र के लोगों को अपना शिकार बनाया है। लेकिन ये भी दाबा किया गया कि 20 से कम उम्र के और 20-39 साल के लोग अस्पतालों में ज्यादा एडमिट हुए। इनमे से ज्यादातर लोगों को केवल बुखार था। अध्ययन रिपोर्ट ‘इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च’ में प्रकाशित हुई है जिसे भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया गया है।