भारत के जिस हिस्से में जब भी कभी खुदाई की जाती है तो वहां से हिंदुओं के देवी-देवताओं या फिर भगवान शिव का शिवलिंग प्रकट अवश्य होता है। यह भारत के लोगों की आस्थाओं और उनकी प्राचीनता का सबसे बड़ा प्रमाण है। कुछ समय पहले अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर हेतु नींव खोदी जा रही थी तो उसके नीचे से भी कुछ ऐसे ही प्राचीन अवशेष निकले थे जिनका हिंदू धर्म से सीधा नाता था। अब ऐसी ही घटना उज्जैन में बाबा महाकाल के परिसर से सामने आ रही है। कहा जा रहा है उज्जैन के महाकाल मंदिर में खुदाई के दौरान 2100 साल पुराने अवशेष मिले हैं।
संस्कृति मंत्रालय को जब इस बात का पता चला तो पुरातत्व विभाग की टीम भोपाल से उज्जैन की ओर रवाना हुई और अब लगातार अवशेषों की जांच की जा रही है। अधिकारियों ने कहा है कि मंदिर में मिले अवशेषों को जानकारों के निगरानी चेक करने के बाद एक रिपोर्ट बनाकर संस्कृति मंत्रालय को सौंपा जाएगा।
2100 साल पुराने हो सकते हैं अवशेष
पुरातत्व विभाग की टीम का नेतृत्व कर रहे अधिकारी डॉ रमेश यादव ने बताया कि 11वीं और 12वीं शताब्दी में बने मंदिर के अवशेष वर्तमान मंदिर परिसर के नीचे दबे हुए हैं, जो की उत्तर वाले भाग में है। दक्षिण की ओर 4 मीटर नीचे एक दीवार मिली है जो करीब करीब 2100 साल पुरानी हो सकती है। संस्कृति मंत्रालय के आदेश पर ही भोपाल संचालनालय पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय के चार सदस्य डॉ. रमेश यादव (पुरातत्वीय अधिकारी), डॉ. धुवेंद्र सिंह जोधा (शोध सहायक), योगेश पाल (पर्यवेक्षक) और डॉ. राजेश कुमार ने बुधवार को मंदिर में निरीक्षण किया।