पाकिस्तान पहले से ही बदहाली का शिकार है। अर्थव्यवस्था और विकास के मामले में लगातार पीछे छूट रहा हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान केवल और केवल आतंकवाद को बढ़ावा देने का काम कर रहा है। इसी बीच पाकिस्तान की सरकार ने एक ऐसा प्रस्ताव संसद में पेश किया है जिसे लेकर विपक्षी पार्टियां पाकिस्तान सरकार पर हमलावर हो गई हैं। पाकिस्तान मुस्लिम लीग और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी ने नए कानून के प्रस्ताव को मीडिया मार्शल लॉ करार देते हुए कहा है कि यह नियम अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगाता है।
इमरान सरकार ‘पाकिस्तान मीडिया डिवेलपमेंट अथॉरिटी ऑर्डिनेंस-2021’ लाना चाहती है, जिसका देश भर में विरोध हो रहा है। पीएमएल-एन की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने कहा कि यह मीडिया पर नियंत्रण की कोशिश है। इसके जरिए सरकार मीडिया संस्थानों को अपना मुखपत्र बना लेना चाहती है या फिर उन्हें बंद होना पड़ेगा।
क्या पाकिस्तान में मौन हो जाएगा मीडिया?
इस नए कानून के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के लिए नए नियम तैयार किए जाएंगे। इन नियमों का पालन करते हुए पाकिस्तानी मीडिया को अपना कंटेंट प्रस्तुत करना होगा।नए नियमों के आने के बाद प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तथा अन्य माध्यमों की मीडिया को सरकार से अनुमति लेनी होगी।इस ड्राफ्ट में नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम, यूट्यूब चैनलों, वीडियो लॉग्स आदि को लेकर भी नियमावली तय करने की बात कही गई है।