कोरोना की दूसरी लहर ने हर किसी को डरा के रखा है लोग लगातार किसी अपने को खो रहे है। नए मामलों की संख्या दो सप्ताह से भी अधिक समय तक रोजाना चार लाख और करीब डेढ़ महीने तक एक लाख से अधिक रही तथा रोजाना मौतों का आंकड़ा दुनियाभर में सर्वाधिक पर पहुंच गया था। अच्छी बात यह है कि स्थिति अब सुधर रही है और इसलिए सुधर रही है क्योंकि इस मुश्किल दौर में मुकेश अंबानी, अजीम प्रेमजी, रतन टाटा, गौतम अदाणी, सज्जन जिंदल, नवीन जिंदल, आनंद महिंद्रा और इनके जैसे दर्जनों प्रतिष्ठित नामों व हजारों बड़ी-छोटी कंपनियों ने देश को कोरोना संकट से उबारने में जो अतुलनीय योगदान दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के उस आग्रह की गहराई और मर्म समझने में समाज की बड़ी मदद की है।
पिछले वर्ष पीएम केयर्स फंड में 1,500 करोड़ रुपए देने वाले टाटा ग्रुप ने इस दूसरी लहर में सबसे ज्यादा योगदान ऑक्सीजन आपूर्ति के रूप में दिया। टाटा ग्रुप ने ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए 24 क्रायोजनिक ऑक्सीजन कंटेनर आयात किए। इसके साथ ही टाटा ग्रुप ने टाटा स्टील और टाटा मोटर्स समेत अपने उन सभी संयंत्रों को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया, जिनमें औद्योगिक ऑक्सीजन का उपयोग जरूरी था। कंपनी ने उस ऑक्सीजन को मेडिकल ऑक्सीजन में बदलकर झारखंड, महाराष्ट्र, गुजरात और ओडिशा जैसे राज्यों में पहुंचाया। कंपनी ने देशभर में अपने कई फाइव स्टार व अन्य होटल कोरोना योद्धाओं तथा संक्रमितों के लिए क्वारंटाइन सेंटर के रूप में उपयोग के लिए खोल दिए। टाटा ग्रुप इस वक्त 5,000 से अधिक बेड वाले कोरोना अस्पतालों का भी संचालन कर रहा है।
इसी तरह गौतम अदाणी नियंत्रित अदाणी ग्रुप ने विदेश से 48 क्रायोजनिक ऑक्सीजन टैंकर मंगवाने और देशभर में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद की और सैकड़ों बिस्तर वाले अस्पताल शुरू करवा दिए।
किसने कितना, किया सहयोग
- मुकेश अंबानी नियंत्रित रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने रिलायंस फाउंडेशन के सहयोग से मुंबई में 1,000 बेड वाला देश का पहला कोविड हॉस्पिटल बनवाया।
- 5,000 से अधिक बेड वाले कोरोना अस्पतालों का संचालन कर रहा है टाटा ग्रुप।
- आनंद्र महिंद्रा नियंत्रित महिंद्रा एंड महिंद्रा ने दिल्ली-एनसीआर में अपनी एक कंपनी के कैफेटेरिया को ही कोविड केयर सेंटर में बदल दिया।
- गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कोरोना संकट से लड़ने के लिए 100 करोड़ रुपए से अधिक के योगदान का वादा किया है।
- माइक्रोसॉफ्ट ने 1,000 वेंटिलेटर और 25,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराने की योजना बनाई है।
कोरोना संकट से निपटने के लिए सरकार ने पिछले वर्ष मार्च के आखिरी दिनों में जिस पीएम केयर्स फंड की स्थापना की थी, उसमें दो महीनों के भीतर देशभर की कंपनियों और संस्थाओं की तरफ से 15,000 करोड़ रुपए से अधिक जमा हो गए थे। सरकारी-निजी क्षेत्रों की सैकड़ों कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के दैनिक वेतन के रूप में पीएम केयर्स फंड में योगदान दिया। यथासंभव योगदान ने कोरोना की पहली लहर की धार कुंद करने और समाज को वापस पटरी पर लौटने में बड़ी मदद की थी।