देश में संक्रमण के मामले बेकाबू होते जा रहे हैं। मध्य प्रदेश महाराष्ट्र,राजस्थान, पंजाब,दिल्ली, उत्तर प्रदेश समय देश के लगभग सभी राज्यों में संक्रमण तेजी के साथ फैल रहा है। सभी राज्यों में लगातार मृत्यु दर बढ़ती जा रही है और मौत का कारण बताया जा रहा है अस्पतालों में उचित व्यवस्था ना होना उचित समय पर ऑक्सीजन उपलब्ध ना होना। मध्य प्रदेश के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की शॉर्टेज हो चुकी है और यही हालत उत्तर प्रदेश का भी है। इसी बीच केंद्र सरकार के द्वारा बड़ा निर्णय लिया गया है कि अब अस्पतालों में पीएम के स्वर्ण इसके द्वारा ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे। सरकार के द्वारा कहा गया है कि पीएम केयर्स फंड के तहत 100 नए अस्पतालों में उनका खुद का ऑक्सीजन प्लांट होगा।
केंद्र सरकार ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के साथ मेडिकल ऑक्सीजन की खपत को राज्यों की आवश्यकताओं के साथ तालमेल रखना होगा। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कहा कि कोविड-19 रोगियों के इलाज में मेडिकल ऑक्सीजन महत्वपूर्ण घटक है। महामारी से प्रभावित राज्यों को मेडिकल ऑक्सीजन समेत जरूरी चिकित्सा उपकरण मुहैया कराने के लिये मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान अधिकारियों के अंतर मंत्रालयी शक्तिसंपन्न समूह का गठन किया गया था मंत्रालय ने कहा, ‘ऑक्सीजन निर्माण इकाइयों में उत्पादन बढ़ाया गया है। पहले से स्टॉक मौजूद है। फिलहाल ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में मौजूद है।’
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वह इस संबंध में आदेश जारी कर रहा है और इसे गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया जाएगा। जरूरत वाले इन 12 राज्यों में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान शामिल हैं। दरअसल, आवश्यक चिकित्सा उपकरणों और ऑक्सीजन की उपलब्धता की समीक्षा के लिए गुरुवार को एम्पावर्ड ग्रुप 2 (ईजी 2) की बैठक आयोजित की गई। बैठक में अधिक जरूरत वाले 12 राज्यों के लिए 4880 मीट्रिक टन, 5619 मीट्रिक टन और 6593 मीट्रिक टन की ऑक्सीजन की जरूरत की पहचान की गई जो उनकी अनुमानित मांग को क्रमशः 20 अप्रैल, 25 अप्रैल और 30 अप्रैल पूरा किया जाएगा।