धरती पर डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया गया है, क्योंकि उनके कारण ही बीमार हुए लोग स्वस्थ हो पाते हैं और अपनी जिंदगी जी पाते हैं। इसी बात को अब एक घटना ने सच साबित किया है। दरअसल मॉस्को से सुदूर पूर्व में स्थित ब्लागोवेशचेंस्क शहर के एक हास्पिटल के ऊपरी फ्लोर में भीषण आग लग गई थी, जिस कारण पूरे हॉस्पिटल में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हुआ। उसी दौरान जिस फ्लोर पर आग लगी थी, वहां पर डॉक्टरों की टीम एक मरीज के HEART का ऑपरेशन कर रही थी। ऑपरेशन शुरू हो गया था, जिस वजह से डॉक्टर्स मरीज को अकेला नहीं छोड़ रहे थे, जबकि वह चाहते तो अपनी जान बचा सकते थे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हॉस्पिटल में आग इतनी भयंकर लगी थी कि वहां मौजूद सभी लोग अपनी जान बचाकर भाग रहे थे, लेकिन डॉक्टरों की टीम ने अपनी जान बचाने से ज्यादा उस मरीज की जान बचाना जरूरी समझा, जो स्ट्रेचर पर लेटा हुआ था। डॉक्टरों की टीम ने मरीज को उठाकर टेरेस पर ले गए और वहां पर जलती हुई आग के बीच में मरीज का ऑपरेशन किया और उसकी जान बचाई। खबरों के अनुसार हॉस्पिटल में आग तकरीबन 3 घंटे तक लगी रही, जिसके बाद दमकल की कई गाड़ियों ने हॉस्पिटल में लगी हुई आग पर काबू पाया।
Russian doctors stayed behind in a burning, tsarist-era hospital in the country's Far East to complete open-heart surgery after a fire broke out on the roof while they were operating https://t.co/iGZf2xrGFR pic.twitter.com/sba27WquEM
— Reuters (@Reuters) April 2, 2021
हम आपको बता दें हॉस्पिटल में लगी हुई आग के कारण किसी के हताहत होने की खबर नहीं आई है, लेकिन लाखों का नुकसान हो गया है। वहीं रूस की हेल्थ मिनिस्ट्री ने अपने बयान में बताया कि डॉक्टर्स की टीम ने जो किया है, वो दरियादिली की मिसाल देता है। वहीं जिन डॉक्टरों ने मरीज की जान बचाई थी। उन्होंने अपने बयान में कहा, हमे मरीज़ को अकेला छोड़ना सही नहीं लगा, इसलिए हमने उसकी जान बचाई। यह हमारा काम है।”