भारतीय नौसेना में अब एक और बड़ा इजाफा हो चुका है सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है स्कॉर्पियन क्लास सबमरीन आईएनएस करंज आज भारतीय नौसेना में शामिल हो गई। इस सबमरीन का निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत किया गया है। नौसेना ने पहले भी इसी श्रेणी की दो पनडुब्बियों को अपने बेड़े में शामिल किया है। भारत सरकार के साथ हुए समझौते के तहत इस शिपयार्ड पर छह पनडुब्बियों का निर्माण अभी और होना है। इसके तहत वेला और वजीर का परीक्षण चल रहा है, जबकि छठी पनडुब्बी का निर्माण कार्य चल रहा है। माना जा रहा है भारत प्रोजेक्ट-75 इंडिया के तहत छह और बड़ी और सक्षम पनडुब्बियों के निर्माण की योजना बना रहा है।
#Scorpene-class submarine #INSKaranj commissioned into Indian Navy in Mumbai, in presence of Chief of Naval Staff Admiral Karambir Singh and Admiral (Retired) VS Shekhawat@indiannavy
📸: ANI pic.twitter.com/hzR3BIhTwb
— Jagran English (@JagranEnglish) March 10, 2021
कई मीडिया रिपोर्ट्स यह भी बताती हैं नौसेना ने 11 हथियार-सह-टोरपीडो-सह-मिसाइल (एसीटीसीएम) जहाजों के निर्माण के लिए सूर्यदीप्त प्रोजेक्ट्स के साथ समझौता किया है। नौसेना के द्वारा मंगलवार को जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है ठाणे की एमएसएमई सूर्यदीप्त प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ पांच मार्च को समझौता हुआ। इस बयान के अनुसार जहाजों की आपूर्ति 22 मई से शुरू होनी है। इस परियोजना को आत्मनिर्भर भारत के लिए एक प्रमुख चरण माना जा रहा है।इसके अलावा INS KARANJ के हर एक शब्द का भी अलग-अलग मतलब निकाला गया है। जिसमें शब्दों का अर्थ K – किलर इन्सटिंक्ट, A- आत्मनिर्भर, R- रेडी, A- एग्रेसिव, N- निंबल, J- जोश है।
क्या है इस सबमरीन की खासियत?
- आईएनएस करंज की लंबाई करीब 70 मीटर की है।
- इस सबमरीन की ऊंचाई 12 मीटर है।
- सबमरीन का वजन करीब 1600 टन का है।
- ये सबमरीन मिसाइल, टॉरपीडो से लैस है।
- समुद्र के भीतर ही माइन्स बिछाकर दुश्मन को तबाह करना इसके लिए आम बात है।
- बिना आवाज किए हुए, बिना रडार की पकड़ में आए ये दुश्मन को नुकसान पहुंचा सकती है।