प्रत्येक देश के अपने कुछ कानून होते हैं और वह राष्ट्र अपने ही कानूनों के द्वारा चलता है। कोई भी राष्ट्र किसी धर्म की आस्थाओं को चोट नहीं पहुंचाना चाहता। उस धर्म के लोग भी उस राष्ट्र के प्रति उतने ही वफादार होने चाहिए। फ्रांस और बेल्जियम के बाद अब स्विजरलैंड ने इस्लाम धर्म पर एक बड़ा निर्णय लिया है। बताया जा रहा है कि अब स्विजरलैंड के सार्वजनिक स्थानों पर मुस्लिम महिलाएं बुर्का नहीं पहन सकेंगी। स्विट्जरलैंड में इसको लेकर जनमतसंग्रह कराया गया था, जिसमें 51 प्रतिशत वोटरों ने बुर्का प्रतिबंधित करने के पक्ष में वोट किया था। इस प्रस्ताव पर मोहर लगने के पश्चात रेस्त्रां, खेल के मैदानों, सार्वजनिक परिवहन साधनों या सड़कों पर चलते समय चेहरा ढंकने पर पाबंदी लग जाएगी। हालांकि, स्विट्जरलैंड की संसद और देश की संघीय सरकार का गठन करने वाली सात सदस्यीय कार्यकारी परिषद ने इस जनमत संग्रह प्रस्ताव का विरोध किया।
बताया जा रहा है धार्मिक स्थानों पर जाते समय तथा बीमारियों से बचने के लिए यानी कोरोना से बचाव के लिए चेहरे ढकने की अनुमति होगी। सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने की छूट होनी चाहिए या नहीं, इस बात का फैसला करने के लिए जनमत संग्रह का सहारा लिया गया, जिस पर स्विट्जरलैंड की जनता ने 7 मार्च को वोट किया था। इससे पहले फ्रांस की सरकार ने भी सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने पर रोक लगा दी थी क्योंकि फ्रांस में लगातार इस्लामिक कट्टरवाद अपने चरम पर पहुंच चुका है। डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड और बुल्गारिया में भी सार्वजनिक जगहों पर बुर्का पहनने पर पाबंदी है।