गलवान घाटी में मुंह की खाने के पश्चात चीन पूरी तरह से बौखला चुका है। कभी पाकिस्तान तो कभी नेपाल के सहारे वह भारत की सीमाओं पर अलगाव पैदा करना चाहता है। कुछ समय पहले यही खुलासा हुआ है कि चीन अपनी तकनीक के द्वारा भारत की पावर ड्रिल को फ़ैल करना चाहता था।साइबर हमले जैसी गतिविधियों की निगरानी करने वाली एक अमेरिकी कंपनी की रिपोर्ट में भारत की पावरग्रिड प्रणाली को निशाना बनाने की बात सामने आई थी। अब इस पूरे मामले पर अमेरिका के एक वरिष्ठ सांसद ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि वे भारत का साथ दें। भारत का साथ देने का अनुरोध करने वाले इस सांसद का नाम है फ्रैंक पैलोन।
सांसद फ्रैंक पैलोन ने सोमवार को ट्वीट किया,‘अमेरिका को निश्चित रूप से हमारे रणनीतिक साझेदारों के साथ खड़ा रहना चाहिए। उसे भारत के पावर ग्रिड पर चीन के खतरनाक साइबर हमले की निंदा करनी चाहिए, जिसकी वजह से महामारी के दौरान अस्पतालों को जनरेटरों का सहारा लेना पड़ा। हम चीन को बल प्रयोग और डर के माध्यम से क्षेत्र में प्रभुत्व कायम करने की अनुमति नहीं दे सकते।’मैसाच्युसेट्स की कंपनी ‘रिकॉर्डेड फ्यूचर’ ने अपने हालिया अध्ययन में दावा किया था कि भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी तनाव के दौरान चीन सरकार से जुड़े हैकरों के एक समूह ने मालवेयर के जरिये भारत की पावर ग्रिड प्रणाली को निशाना बनाया था। यह भी माना जा रहा है पिछले साल कोरोना संक्रमण के दौरान मुंबई में जो बिजली की कटौती हुई थी उसमें भी चीन का हाथ था। संक्रमण काल के दौरान मुंबई को एकदम जनरेटर से काम चलाना पड़ा था।