26/11 हमले ने बचा ली थी धोनी और सचिन की जान, आतंकियों के निशाने पर श्रीलंका की जगह थी भारतीय टीम

2009 में टीम इंडिया को पाकिस्तान का दौरा करना था। लेकिन 26/11 हमले के बाद ये दौर रद्द हो गया था। जिसकी वजह से टीम इंडिया पर होने वाला आतंकी हमला 2010 दौरे पर गयी श्रीलंका टीम पर हो गया। उस हमले कई बड़े खिलाड़ी घायल हुए थे।

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मुंबई के ताज होटल पर 8 नवंबर 2011 को हुआ आतंकी हमला तो आप लोगों को याद ही होगा। 26/11 हमला आज भी देश के इतिहास में सबसे बड़ा आंतकी हमला माना जाता है। इस दिन पाकिस्तान से आए कुछ आतंकियों ने सैंकड़ों मासूमो को मौत के घाट उतार दिया था। मुंबई सेंट्रल रेलवे, अस्पताल और रेस्ट्राँ में हुए इस हमले ने कई लोगों की जान तो ली लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम के साथ होने वाले बड़ी अनहोनी से बचा लिया। आप सोच रहें होंगे कि आखिर 26/11 आंतकी हमले ने टीम इंडिया के खिलाड़ियों पर होने वाले आतंकी हमले को कैसे टाल दिया।

दरअसल 2008 में जब मुंबई पर आतंकियों ने हमला किया तो उससे ठीक कुछ ही महीने पहले भारत का पाकिस्तान दौरे तय हुआ था। 2009 में टीम इंडिया को सीरीज खेलने पाकिस्तान जाना था। लेकिन 26/11 के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ कोई भी द्विपक्षीय सीरीज खेलने से मना कर दिया। भारत के बाद श्रीलंका ने 2010 में पाकिस्तान को दौरा किया और इर दौरे पर श्रीलंका की राष्ट्रीय टीम के साथ जो हुआ वो क्रिकेट इतिहास के सबसे काले दिन के तौर पर दर्ज हो गया। 3 मार्च, 2010 को लाहौर में श्रीलंकाई टीम पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया था, जिसके बाद पाकिस्तान में काफी समय के लिए सभी इंटरनेशनल मैच होने बंद हो गए थे।

2009 में भारत को जाना था पाकिस्तान

दरअसल फरवरी-मार्च, 2009 में भारतीय टीम को पाकिस्तान दौरे पर जाना था। उस समय टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी थे। धोनी के साथ टीम में सचिन तेंडुलकर, राहुल द्रविड़ जैसे खिलाड़ी भी शामिल थे। 2008 के नवंबर महीने की 26 तारीख को आतंकियों ने मुंबई के ताज होटल पर हमला कर दिया। कार्यवाही के बाद इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन ने जरूर ली लेकिन इसकी कड़ी पाकिस्तान से भी जुड़ी मिली। जिसके चलते बीसीसीआई ने टीम इंडिया को पाकिस्तान भेजने से साफ इंकार कर दिया। भारत की मेजबाजी करने की पूरी तैयारी कर बैठा पाकिस्तान श्रीलंका को भारत की जगह बुलाने को तैयार हुआ। पाकिस्तान का अनुरोध स्वीकार करते हुए श्रीलंका की टीम 2010 में पाकिस्तान का दौरा करने के लिए तैयार हुई।

क्रिकेट के इतिहास का सबसे काला दिन

20 जनवरी से श्रीलंका के पाकिस्तान दौरे की शुरुआत वनडे सीरीज के साथ हुई। श्रीलंका ने पाक को वनडे में 2-1 से हराया। इसके बाद फरवरी में टेस्ट श्रृंखला की शुरुआत हुई जिसका पहला मुकाबला कराची में खेला गया। इस सीरीज़ में श्रीलंका टीम की कप्तानी कर रहे थे महेला जयावर्धने, जबकि पाकिस्तान टीम के कप्तान थे यूनुस खान। सीरीजा का पहला टेस्ट बिना किसी संकट के गुजर गया। इसके बाद दूसरे टेस्ट के लिए श्रीलंका का काफिला लाहौर पहुंचा। लेकिन लाहौर टेस्ट का तीसरा दिन खेल के रोमांच के लिए नहीं बल्कि आतंकी हमले के लिए याद किया जाता है। दूसरे टेस्ट के लिए हॉटल से निकले श्रीलंकाई खिलाड़ियों पर स्टेडियन जाते समय आतंकियों ने ग्रेनेड और गोलियों से हमला कर दिया।

हमले में घायल हुए थे कई खिलाड़ी

लाहौर के लिबर्टी चौक पर जैसे ही बस के सामने आकर आतंकी ने बस पर हमला कर दिया, बस के ड्राइवर ने बस को बिना रोके भगा लिया और गद्दाफी स्टेडियम पहुंचने के बाद ही बस रोकी। इस हमले में बस में मौजूद श्रीलंकाई खिलाड़ियों में से पांच खिलाड़ी घायल हो गए. इन खिलाड़ियों में कुमार संगाकारा, अजंता मेंडिस, चामिंडा वास, थिलम समरवीरा और थरंगा परमवितर्ना शामिल थे। जबकि दूसरी बस में मौजूद फोर्थ अम्पायर एहसान रज़ा को पेट में गोली लगी थी।

निशाने पर हो सकती थी टीम इंडिया

हमले में लश्कर-ए-जहांगी नाम के आतंकी संगठन का हाथ था. उनका मकसद टीम को नुकसान पहुंचाने का था. साथ ही वो किसी खिलाड़ी को किडनैप करके, अपनी मांगें मनवाना चाहते थे। लेकिन उस हमले के बाद एक बात तो साफ थी कि ये हमला अगर टीम इंडिया 2009 का दौरा करती तो उस पर होना संभव था। बरहाल भारत ने 26/11 हमले के बाद पाकिस्तान ना जाने का फैसला सही रहा और आज भी भारत उस घटना के बाद पाक के साथ कोई भी द्विपक्षीय सीरीज खेलने के लिए राजी नहीं होता।

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