लगातार देश भर में कृषि संशोधन कानूनों के खिलाफ आंदोलन किया जा रहा है। लेकिन इसी बीच सबसे बड़ी खबर आ रही है कि अमेरिका ने कृषि संबंधित कानूनों को समर्थन दे दिया है। अमेरिका के द्वारा समर्थन देने के बाद अब देश में एक और नया माहौल तैयार हो गया है। क्यों कि जो लोग डोनाल्ड ट्रम्प के जाने से काफ़ी खुश थे निश्चित रूप से अब वे लोग काफ़ी परेशान हो चुके हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, हमारा मानना है कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किसी भी संपन्न लोकतंत्र की पहचान है और भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी यही कहा है।
अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका, भारत के अंदर बातचीत के माध्यम से पार्टियों के बीच किसी भी मतभेद को हल किया जाने के पक्ष में है। सामान्य तौर पर अमेरिका भारतीय बाजारों की कार्यकुशलता को सुधारने और बड़े पैमाने पर निजी सेक्टर के निवेश को आकर्षित करने के लिए उठाए गए कदमों का स्वागत करता है।
बाइडन प्रशासन ने कहा कि वह मोदी सरकार के इस कदम का स्वागत करता है। इससे दुनिया में भारतीय बाजार का प्रभाव बढ़ेगा और निजी क्षेत्र में अधिक निवेश को आकर्षित करेंगे। साथ ही अमेरिका ने यह भी स्वीकार किया कि कृषि कानूनों पर शांतिपूर्ण विरोध एक संपन्न लोकतंत्र की एक बानगी है।