अब ऑस्ट्रेलिया शायद कभी नहीं कहेगा- ‘गाबा आपका इंतजार कर रहा है’

टीम इंडिया ने ब्रिसबेन के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया को चौथे टेस्ट में 3 विकेट से हराकर इतिहास रच दिया है। भारत ने इस सीरीज को 2-1 से तो अपने नाम किया ही साथ ही गाबा के मैदान में पिछले 32 सालों से अजेय रही ऑस्ट्रेलिया टीम के रिकॉर्ड को भी तोड़ा। गाबा वह मैदान था जहां ऑस्ट्रेलिया पिछले 32 सालों से कोई भी मुकाबला नहीं हारा था।

0
407
चित्र साभार: ट्विटर @ICC

साल 2019 में बड़े पर्दे पर रिलीज हुई फिल्म ऊरी-द सर्जिकल स्ट्राइक का डायलॉग ‘ये नया भारत है, ये घर में घुस कर मारेगा’ तो आप लोगों को याद होगा ही। इस डायलॉग को आज एक बार फिर टीम इंडिया ने सही साबित कर दिखाया है। ऑस्ट्रेलिया की धरती पर उन्ही को बॉर्ड़र गावस्कर ट्रॉफी में 2-1 से हराकर ना सिर्फ भारत ने सीरीज अपने नाम की बल्कि गाबा के मैदान में कंगारुओं को उस गुरुर को भी तोड़ डाला जो पिछले 32 साल से अजेय था। सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल (91), टीम इंडिया की दीवार चेतेश्वर पुजारा (56) और प्रतिभाशाली विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत (नाबाद 89) की करिश्माई बल्लेबाजी से भारत ने ब्रिसबेन के गाबा मैदान में ऑस्ट्रेलिया को चौथे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट के पांचवें दिन मंगलवार को तीन विकेट से हराकर नया इतिहास रच दिया। ये पहला मौका था जब भारत ने ब्रिसबेन में ऑस्ट्रेलिया को हराया। आज से पहले सिर्फ वेस्ट इंडीज ही एकलौती ऐसी टीम थी जिसने ऑस्ट्रेलिया को गाबा में मात दी थी।

भारत ने तोड़ा ऑस्ट्रेलिया का घमंड

इससे पहले सिडनी के मैदान में खेले गए दूसरे टेस्ट मुकाबले में ऑस्ट्रेलिआई कप्तान टिम पेन ने अश्विन को धमकी भरे लहजे में कहा था कि गाबा में ऑस्ट्रेलिया टीम इंडिया का इंतजार कर रही है। लेकिन टिम पेन ने शायद ही सोचा होगा कि इस बार उनका ये घमंड पूरी तरह से टूट जाएगा। इस जीत के साथ ही टीम इंडिया ने गाबा मैदान पर ऑस्ट्रेलिया की 32 साल की बादशाहत भी खत्म कर दी। ऑस्ट्रेटलिया ने अपनी धरती पर गाबा में आखिरी बार साल 1989 में हार का मुंह देखा था। इसके बाद से ही कंगारू टीम को यहां कभी कोई हरा नहीं पाया था। दूसरी तरफ गाबा के मैदान में टीम इंडिया की सात टेस्ट मैचों में यह पहली जीत है।

‘ये नए भारत की नई टीम इंडिया है’

ब्रिसबेन के मैदान में जिस तरह से टीम इंडिया ने खेल दिखाया उसके बाद पूरा विश्व इस बात को स्वीकार करने पर मजबूर हो गया है कि ये नए भारत की नई टीम इंडिया है जो घर से बाहर जीतना अच्छी तरह से जानती है। 2018 के बाद भारत ने लगातार दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया को उन्हीं के घर में टेस्ट सीरीज में मात दी है। लेकिन इस बार की ये जीत 2018 से भी खास रही। क्योंकि टीम में ना तो विराट कोहली थे और ना मोहम्मद शमी। और तो और अंत में आते आते जसप्रीत बुमराह और रविंद्र जड़ेजा भी चोट के चलते टीम का साथ छोड़ बैठे थे। ऐसे में शायद ही किसी ने सोचा होगा कि भारत इस सीरीज को जीत कर इतिहास रच पाने में कामयाब हो पाएगा। शुभमन गिल, मोहम्मद सिराज, नवदीप सैनी, शार्दुल ठाकुर, वॉशिंग्टन सुंदर, टी नटराडन जैसे युवा खिलाड़ियों ने अपने पहले ही ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कंगारूओं को वो जख्म दे दिए जो शायद आने वाले कई सालों तक हरे रहने वाले है।

युवा खिलाड़ियों के नाम रही ये सीरीज

भारतीय टीम इस सीरीज के पहले ही मैच में 36 रनों पर सिमटने के बाद इस सीरीज को जीतने का प्रबल दावेदारी खो चुकी थी। विराट कोहली भी एडिलेड टेस्ट के बाद भारत वापय लौट गए थे। क्रिकेट एक्सपर्ट ये मान चुके थे कि भारत इस सीरीज को 4-0 से गवा देगा। लेकिन इसके बाद शुरु हुआ टीम इंडिया के युवा खिलाड़ियों का जलवा। मेलबर्न टेस्ट में टीम इंडिया ने शानदार वापसी करते हुए 8 विकेट से जीत दर्ज की। इसके बाद इस सीरीज का तीसरा मुकाबला सिडनी पहुंचा। इस मैच में अश्विन, हनुमा विहारी और रिषभ पंत ने मैच की दूसरी पारी में 131 ओवरों तक बल्लेबाजी कर मुकाबले को ड्रॉ कराया। हालांकि ये ड्रॉ भी भारत के लिए किसी जीत से कम नहीं था। इसके बाद सीरीज का अंतिम काफिला ब्रिसबेन के मैदान पहुंचा। यहां भारत की असली परिक्षा थी। टीम के पास बुमराह, जड़ेजा और अश्विन जैसे दिग्गज खिलाड़ी टीम का साथ छोड़ चुके थे। लेकिन इस बार इतिहास रचने की जिम्मेदारी चुवा खिलाड़ियों ने अपने कंधो पर ली। गाबा टेस्ट के हीरो शुभमन गिल, सिराज, शार्दुल ठाकुर, सुंदर और रिषभ पंत रहे।

रिषभ पंत की ऐतिहासिक पारी

ब्रिसबेन टेस्ट में टॉस जीतकर ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया और पहली पारी में 369 रन बना दिए। टीम इंडिया अपनी पहली पारी में 6 विकेट 186 रन पर गवा चुकी थी। इसके बाद सुंदर और शार्दुल ठाकुर ने सातवे विकेट के लिए 123 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी कर टीम इंडिया का स्कोर 336 रनों तक पहुंचा दिया। ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 294 रनों पर सिमट गई और भारत को ये मुकाबला जीतने के लिए 329 रनों का लक्ष्य मिला।

ऑस्ट्रेलिया अपनी जीत मैच से पहले ही तय मान चुका था। क्योंकि इस जीत से पहले गाबा के मैदान पर यह रिकॉर्ड था कि यहां कभी भी चौथी पारी में कोई टीम 250 का स्कोर भी चेज नहीं कर पाई थी। फिर यहां से शुरु हुआ टीम इंडिया का खेल। गाबा टेस्ट के आखिरी दिन टीम इंडिया ने ये लक्ष्य रिषब पंत और शुभमन गिल की ऐतिहासिक पारी की बदौलत हासिल कर लिया। गिल ने 91 रनों की पारी खेली और पंत टीम इंडिया को जिताकर ही पवेलियन वापस लौटे। पंत ने 138 गेंदो में 89 रनों की पारी खेली और भारत को इतिहासिक जीत दिलाई। पंत की ये पारी इसलिए भी खास थी क्योंकि अंत में उन्ही की तेज तर्रार पारी ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर लाने में कारगर साबित हुई। पंत को उनकी इस पारी के लिए मैन ऑफ द मैच भी चुना गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here