पाकिस्तान के मंदिर में तोड़फोड़ की घटना का चीफ जस्टिस ने लिया संज्ञान, 5 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में करक जिले के टेरी गांव में स्थित एक मंदिर को तोड़फोड़ की घटना सामने आई है। जिसके बाद पाकिस्तान के चीफ जस्टिस गुलजार अहमद ने इसका स्वत संज्ञान लिया है और 5 जनवरी को इस मामले में सुनवाई करने का निश्चय किया है।

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कुछ समय पहले ही पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में करक जिले के टेरी गांव में स्थित एक मंदिर को तोड़फोड़ की घटना सामने आई है। अब इस मामले पर पाकिस्तान के चीफ जस्टिस गुलजार अहमद ने स्वत संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 5 जनवरी को होगी। स्थानीय पुलिस ने पाकिस्तान की कट्टरवाद इस्लाम पार्टी के 25 सदस्यों को गिरफ्तार भी कर लिया है। हिंदू मंदिर तोड़े जाने के बाद अल्पसंख्यक सांसद रमेश ने गुरुवार को कराची में देश के चीफ जस्टिस के सााथ बैठक की और इस पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद चीफ जस्टिस गुलजार अहमद ने इस मामले का संज्ञान लिया है।

हम आपको बता दे पाकिस्तान में किसी भी मंदिर पर सबसे पहला हमला 1997 में किया गया था और उसे ध्वस्त कर दिया गया था। 2015 में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद स्थानीय समुदाय मंदिर को पुनः निर्मित करने के लिए तैयार हो गया था। प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि सैकड़ों लोगों ने मंदिर को आग लगा दी थी, उन लोगों ने मंदिर को घेरा और घंटे तोड़ दिए थे। लेकिन पुलिस ने स्थानीय मीडिया के हवाले से कहा, “मंदिर का सहमति से अधिक विस्तार नहीं हो रहा था और भीड़ ने मंदिर में तोड़फोड़ कर के समझौते का उल्लंघन किया है।” खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने मंदिर पर किए गए हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा है कि इस घटना में शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी तथा उन्होंने पूजा स्थलों की इस प्रकार की घटनाओं से रक्षा करने के लिए संकल्प भी लिया है। हिंदू समुदाय पेशावर के नेता हारून सरब ने कहा है कि इस मंदिर परिसर में एक हिंदू नेता की समाधि भी है और देश के हिंदू परिवार इस समाधि पर आते हैं।

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