भारतीय सेना के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से जनरल नरवणे और सऊदी अरब के सेना प्रमुख जनरल फ़याद बिन हामिद की मुलाक़ात की तस्वीरें पोस्ट की गई हैं। जनरल नरवणे पहले भारतीय सेना प्रमुख हैं जिन्होंने सऊदी अरब और यूएई का दौरा किया है, वहीं पाकिस्तानी सेना प्रमुख के लिए सऊदी जाना अब तक आम बात थी।
General MM Naravane #COAS interacted with Lieutenant General Mutlaq bin Salim bin Al-Azima #Commander of the Joint Forces #SaudiArabia and exchanged views on defence cooperation.
#Friendship pic.twitter.com/NZ6SO47TRu— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) December 13, 2020
जनरल नरवणे की इन तस्वीरों की चर्चा पाकिस्तानी मीडिया में ख़ूब हो रही है। वहां के मीडिया में कहा जा रहा है कि अब सऊदी अरब भी पाकिस्तान के साथ नहीं है और सऊदी अरब पूर्ण रूप से भारत के साथ है। भारत और सऊदी अरब के बीच गहारते रिश्ते से पाकिस्तान में काफ़ी हलचल है।
भारत के सेना प्रमुख के इस दौरे को उस इलाक़े के मीडिया ने भी जगह दी है। अल जज़ीरा ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, ”चीन, अमेरिका और जापान के बाद सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है। इसके अलावा सऊदी से भारत सबसे ज़्यादा तेल भी आयात करता है। हाल के वर्षों में नरेंद्र मोदी सरकार ने यूएई के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित किया है।”
अल जज़ीरा से जनरल नरवणे के सऊदी और यूएई दौरे की अहमियत पर जेएनयू में इंटरनेशनल स्टडीज के प्रोफ़ेसर हैपीमोन जैकब ने कहा है कि भारत इन दोनों देशों के साथ रक्षा साझेदारी बढ़ाना चाहता है। उन्होंने कहा कि सीडीएस जनरल रावत या एनएसए अजित डोभाल को न भेजकर आर्मी चीफ़ को भेजना किसी पहेली से कम नहीं लगता।