नई संसद के भूमि पूजन पर कांग्रेस का विलाप शुरू, कांग्रेस बोली, “अंतिम संस्कार के समय डीजे बजाने जैसा है”

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को भारत में बनने वाली नई संसद भवन पर भी ऐतराज है। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि इस नए संसद का भूमि पूजन ठीक उसी प्रकार है जैसे अंतिम संस्कार के समय डीजे बताया जाए। बड़ी इस मामले में देशी और विदेशी का भी मामला चल रहा है कांग्रेस का कहना है कि पुराना संसद भवन भारत के प्राचीन मंदिर की तरह है, वहीं नए संसद की डिजाइन वाशिंगटन की पेंटागन इमारत की तरह है।

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भारत के लोकतंत्र पर सर्वाधिक समय तक राज करने वाली कांग्रेस पार्टी को भारत सरकार के द्वारा उठाए गए अब प्रत्येक कदम से ऐतराज है कुछ समय पहले जब 5 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में भगवान राम की मंदिर का भव्य शिलान्यास किया था तब भी कांग्रेस से संबंध रखने वाले एक व्यक्ति ने इस कार्यक्रम को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के लिए नए संसद भवन का भूमि पूजन किया है अब इस मामले पर कांग्रेस की ओर से लगातार तीखे प्रहार किए जा रहे हैं कांग्रेस लगातार भारत सरकार पर निशाना साध रही है और कांग्रेस का कहना है कि जिस समय में पूरा भारत कोविड 19 जैसी महामारी से जूझ रहा है ऐसे में इस तरह की व्यर्थ कार्य नहीं होने चाहिए।

कांग्रेस के सांसद जयराम रमेश का कहना है, “अंग्रेजों का बनाया हुआ मौजूदा संसद भवन मध्य प्रदेश के मुरैना स्थित चौंसठ योगिनी पीठ की तरह दिखता है, लेकिन नए आत्मनिर्भर संसद भवन का डिजाइन वॉशिंगटन की इमारत पेंटागन से प्रेरित है।” इस बिंदु को लेकर लगातार सोशल मीडिया पर टिप्पणियों का दौर जारी है।

वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने लिखा, “संसद के 3 अंग- राष्ट्रपति, लोकसभा और राज्यसभा। भूमिपूजन का हिस्सा सिर्फ प्रधानमंत्री क्यूँ?क्या राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति को इससे दूर रखने का कोई सांकेतिक महत्व है?क्या आत्मनिर्भर भारत की संसद सिर्फ मोदी जी पर निर्भर होगी? क्या फकीर के झोले में संविधान डालने की तैयारी है?”

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