भाजपा शासित प्रदेश लगातार देश में जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए प्रयास कर रहे हैं।जिसके लिए सबसे पहले उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 लागू कर दिया है। इसके बाद प्रदेश में नाम छिपाकर शादी करने वाले, गैरकानूनी रूप से धर्म परिवर्तन कराने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।वहीं मध्यप्रदेश में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2020 पर एक उच्च स्तरीय बैठक चल रही है। जिसमें इसी प्रकार के निर्णय लिए जाएंगे और मध्यप्रदेश में लव जिहाद को रोकने का काम किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में पहले ही लव जिहाद पर क़ानून लाया जा चुका है हरियाणा में भी मनोहर लाल खट्टर की सरकार ऐसा ही कानून लाने की तैयारी में है। वहीं कुछ समय पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बैठक में यह ऐलान कर दिया था कि प्रदेश में जबरन धर्म परिवर्तन को मंजूरी नहीं मिलेगी।
कानूनों का उल्लंघन करने पर मिल सकती है निम्नलिखित सजा-
- धर्म या नाम छिपाने पर 3 साल की सजा, 50000 रूपये का जुर्माना।
- दो या दो से अधिक लोगों के सामूहिक जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर,1लाख रूपये का जुर्माना, कम से कम 10 साल की सजा।
- अनुच्छेद 3 के उल्लंघन करने पर 1-5 साल की सजा,कम से कम 25,000 रुपये का जुर्माना।
- महिला है या एससी-एसटी समुदायों से संबंधित है, तो 2-10 साल तक की सजा, कम से कम 50,000 रुपये का जुर्माना।
MP CM chaired a high-level meeting on Dharma Swatantrya (Religious Freedom) Bill 2020 in Bhopal today.
He said at the meeting that the Bill, will ensure that no religious conversion is carried out forcefully, or by tempting someone or through marriage. https://t.co/0HmZQfQHuD pic.twitter.com/Hd4VZSOAmP
— ANI (@ANI) December 5, 2020
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा था कि प्रदेश में लव जिहाद और शादी के लिए धर्म परिवर्तन किसी भी रूप में नहीं चलेगा।ये पूरी तरह से अवैध और गैर-कानूनी है। इसके खिलाफ प्रदेश में कानून बनाया जाएगा।लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की बात तब ज्यादा तूल पकड़ गई जब हरियाणा के बल्लभगढ़ में एक बेटी को एक मनचले ने सरेआम गोली मार दी क्योंकि वह उसका धर्म परिवर्तन कराना चाहता था और बेटी ने इस बात से इनकार कर दिया था। इस घटना के बाद पूरे देश में इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए कानून बनाने की मांग तेज हो गई।