उत्तर प्रदेश के पूर्व नगर विकास मंत्री और समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान अब लगातार मुश्किलों में फंसते जा रहे हैं
जब से प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई है तब से उनके नए-नए कारनामे सुर्खियों में आ रहे हैं। इसी बीच अब यह बताया जा रहा है कि एसआईटी ने जल निगम भर्ती घोटाले के मामले में आजम खान को प्रोडक्शन वारंट भेजा है। एसआईटी ने जल निगम भर्ती घोटाले मामले में आश्रम खान को दोषी माना है। इस मामले में एसआईटी ने आजम खान पर मुकदमा तो पहले ही दर्ज कर लिया है और अब चार्जशीट भी फाइल की जा रही है। हम आपको बता दें कि 25 अप्रैल 2018 को आजम खान प्रशासन के निर्देश पर मुकदमा दर्ज किया गया था और इसी मामले में तत्कालीन नगर विकास सचिव एसपी सिंह, जल निगम के पूर्व एमडी पीके आसुदानी, नगर निगम के तत्कालीन मुख्य अभियंता अनिल खरे को नामजद करते हुए परीक्षा कराने वाली संस्था में सर्च एप्टेक लिमिटेड के अज्ञात अधिकारियों को अभियुक्त बनाया गया था। एसआईटी ने अपनी जांच पूरी करने के बाद रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर ही नगर विकास मंत्री ने जल निगम को भर्तियां निरस्त करने का निर्देश दिया था।
जानिए क्या है पूरा मामला
यह उस समय की बात है जब प्रदेश में अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की हुकूमत हुआ करती थी । तब अवर अभियंता के 853 लिपिक के 335 पदों पर भर्तियां निरस्त कर दी गई थी। सहायक अभियंता के 117 पदों पर हुई भर्ती पहले से ही निरस्त कर दी गई थी। एसआईटी की जांच में भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह दोषपूर्ण पाए जाने के बाद जल निगम में पूर्व में जारी नियुक्ति आदेशों को निरस्त करते हुए भर्तियों को नियुक्ति तिथि से पहले ही शून्य कर दिया था। इसमें आजम खान पर आरोप लगा कि उन्होंने 122 सहायक अभियंता 853 अवर अभियंता समेत कुल 13 पद से जिनकी भर्ती में अनियमितता बरती गई। यह बताया जा रहा है कि 2016 17 में जल निगम के भर्ती बोर्ड का चेयरमैन होने के कारण उन्होंने भर्तियों में गड़बड़ी की।