इराक़ के प्रधानमंत्री अब्दुल महदी ने अपने पद से इस्तीफ़ा देने की घोषणा की है। उनके दफ़्तर से जारी बयान के मुताबिक़ गुरुवार को सरकार विरोधी प्रदर्शन में 40 से ज़्यादा लोगों के मारे जाने के बाद प्रधानमंत्री ने ये फ़ैसला किया है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वो नौकरी, भ्रष्टाचार का ख़ात्मा और बेहतर नागरिक सुविधाओं की माँग कर रहे हैं। इराक़ में अक्तूबर से शुरू हुए सरकार विरोधी प्रदर्शन में अब तक 400 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। लेकिन अभी बीते गुरुवार का दिन सबसे ज्यादा हिंसक रहा था। इस दिन यहाँ 40 लोग मारे गए। इसके बाद शुक्रवार को भी हुए प्रदर्शन में 15 लोगों में अपनी जान गंवाई।
इराक़ के सर्वोच्च शिया धार्मिक नेता ने प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ अत्यधिक बल प्रयोग की निंदा की है और नई सरकार के गठन का आह्वान किया है। गुरुवार को हुए हिंसक प्रदर्शन से आहत होकर ही इराक के प्रधानमंत्री अब्दुल महदी ने अपने पद से इस्तीफ़ा देने की बात कही है। हालांकि उनके बयान में ये नहीं कहा गया है कि उनका इस्तीफ़ा संसद में कब पेश किया जाएगा। इस मौजूदा संकट पर विचार करने के लिए रविवार को इराक संसद का आपातकालीन सत्र बुलाया गया है।
कर्बला में सिस्तानी के एक प्रतिनिधि ने उनका बयान टीवी पर पढ़कर सुनाया। उनके बयान में कहा गया था, ”संसद जिसने मौजूदा सरकार को बनाया था, उसे अपने फ़ैसले पर दोबारा विचार करना चाहिए और उसे वही करना चाहिए जो इराक़ के हक़ में हो।”
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