भारतीय संस्कृति को दुनिया भर में एक अलग ही सम्मान की दृष्टि देखा जाता है। वसुधैव कुटुंबकम के सिद्धांत पर चलने वाली भारतीय संस्कृति का गुणगान दुनिया के सभी देशों में किया जाता है। भारत की संस्कृति और यहाँ के लोगो से ना सिर्फ दुनिया भर के बुद्धजीवी प्रभावित नजर आते हैं, बल्कि विश्व स्तर के नेता और व्यवसायी भी भारत की संस्कृति और यहाँ की परम्परा से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके हैं। अक्सर दूसरे देश के नेता और बुद्धजीवी भारतीय संस्कृति का जिक्र करते हुए इसका बखान किये बगैर नहीं रुकते हैं।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने अपने किताब में की भारतीय संस्कृति की चर्चा
इस वक्त फिर से भारतीय संस्कृति के प्रति दुनिया भर की नजरे सम्मान से झुकती हुई नजर आ रही है। अमेरिका के पूर्व और सर्वप्रिय राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हाल ही में अपनी किताब का विमोचन किया है। जिसमें उन्होंने भारतीय संस्कृति के प्रति अपने लगाव और प्रेम को भरपूर दर्शाया है। बराक ओबामा ने ‘ए प्रोमिज्ड लैंड’ नामक अपनी पुस्तक में भारत के प्रति आकर्षण के बारे लिखते हुए कहा, “हो सकता है कि यह उसका (भारत) आकार है (जो आकर्षित करता है), जहां दुनिया की जनसंख्या का छठा हिस्सा रहता है, जहां करीब दो हजार विभिन्न जातीय समुदाय रहते हैं और जहां सात सौ से अधिक भाषाएं बोली जाती हैं।”
ओबामा ने बताया कि उन्होंने साल 2010 में राष्ट्रपति के रूप में भारत की यात्रा की थी। इससे पहले वो कभी भारत नहीं गए थे। उन्होंने कहा, “लेकिन इस देश का मेरी कल्पना में हमेशा विशेष स्थान रहा।”
ओबामा ने बताया, “इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि इंडोनेशिया में अपने बचपन का कुछ हिस्सा मैंने हिंदू महाकाव्यों रामायण और महाभारत की कथाएं सुनते हुए बिताया या इसका कारण पूर्वी धर्मों में मेरी रुचि हो सकती है या इसका कारण कॉलेज के मेरे पाकिस्तानी एवं भारतीय मित्रों का समूह है, जिन्होंने मुझे दाल और कीमा बनाना सिखाया और मुझे बॉलीवुड की फिल्में दिखाईं।”
पूरी दुनिया है भारतीय संस्कृति से प्रभावित
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के द्वारा किताब में भारत की संस्कृति और यहाँ से लगाव के बारे में किया गया वर्णन निश्चित तौर पर हमारे देश के लिए गर्व की बात है। यहाँ पर ध्यान देने वाली बात ये है कि, भारतीय संस्कृति और यहाँ के लोगो से दुनिया भर के लोग जुड़ना चाहते हैं। यहाँ की परम्परा और रीति रिवाज की पूरी दुनिया कायल है। अपनी खास संस्कृति की ही वज़ह से हमारा देश विश्व पटल पर अपनी एक अलग ही छवि रखता है। हमारा देश दुनिया भर में मर्यादा पुरुषोत्तम राम के विचार, महात्मा गांधी की अहिंसा और स्वामी विवेकानंद के ज्ञान के लिये जाना जाता है। ये देश रामायण और गीता के लिए जाना जाता है। ये धर्म का देश है, अहिंसा का देश है और सदभाव का देश है।
देश का दुर्भाग्य
लेकिन दुर्भाग्य ये है कि हमारे देश के भीतर ही मौजूद कुछ ऐसे नेता भी है जो हमारी संस्कृति को धूमिल करने से पहले जरा सा भी विचार नहीं करते हैं। कभी भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठते हैं तो कभी इन्हें इस अहिंसावादी देश में रहने से ही डर लगता है। ये इन्ही राजनेताओं की देन है जिसकी वजह से भगवान राम की जन्मभूमि पर मंदिर बनाने के लिये देश को इतना संघर्ष करना पड़ा।
अपने व्यक्तिगत राजनीतिक लाभ के लिये कुछ नेताओं का स्तर इस क़दर गिर चुका है कि वो अपने देश का अपमान करने से भी पीछे नहीं रहते है। निश्चित तौर पर ये लोग खुद के स्तर के गिरे होने का संकेत तो देते ही है, साथ ही हमारे देश की छवि वैश्विक स्तर पर खराब करते हैं।