भारत एक ऐसा देश है जिसमें सदैव ही हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ करने का खेल चलता रहा है। कोई भी व्यक्ति हिंदुओं के देवी देवताओं की अभद्र चित्र बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर देता है कोई व्यक्ति उन पर पुस्तकें लिख देता है तो कोई व्यक्ति उन पर अभद्र टिप्पणियां करता है। न तो किसी के हाथ काटे जाते हैं, न किसी को मारा जाता है और ना ही कोई व्यक्ति माफी मांगता है। इसके विपरीत इन सभी धर्मनिरपेक्ष नेताओं की, इन सभी धर्मनिरपेक्ष कवियों तथा इन सभी धर्मनिरपेक्ष कलाकारों की इतनी हिम्मत नहीं हो पाती कि वह किसी अन्य धर्म के प्रति आस्था के बारे में एक शब्द भी कह सकें।
इसी में एक साजिश का शिकार हैं जिनका नाम है दीपिका सिंह राजावत! दीपिका सिंह ने हिंदुओं की आस्थाओं को ठेस पहुंचाने के लिए ट्विटर पर नवरात्र के पहले दिन ही पोस्ट किया। जिसमें दिखाई दे रहा था कि नवरात्रि मैं हिंदू स्त्रियों की पूजा करते हैं और अन्य दिनों में स्त्रियों पर अत्याचार करते हैं। लेकिन जिस तरह की यह पोस्ट थी जिस तरह कहिए चित्र था, उसे देखने के बाद आप इतना शर्मनाक महसूस करेंगे और आप यह सोचने के लिए तैयार हो जाएंगे की एक महिला इस प्रकार की बात कैसे कर सकती है?
इसके अलावा कुछ लोगों ने दीपिका सिंह की एक पुरानी पोस्ट को शेयर किया जिसमें वह बकरा ईद पर लोगों को शुभकामनाएं दे रही थी, यानी कि जिस रस्म के जरिए एक निर्दोष तथा बेजुबान जानवर की हत्या कर दी जाए वह तो बहुत अच्छा है लेकिन किसी हिंदू को नवरात्रि की शुभकामनाएं देना गलत है। विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने प्रतिक्रिया दी और उन्होंने कहा कि “अभद्र अश्लील घिनौनी तस्वीर ट्वीट की “और विडंबना लिख दिया! लेकिन दीपिका राजावत को यह समझना जरूरी होगा की विडंबना यह है कि वह हिंदू है विडंबना यह है कि उन्होंने ऐसा ट्वीट इस्लाम के खिलाफ नहीं किया है अगर उन्होंने ऐसा कोई ट्वीट इस्लाम के खिलाफ किया होता तो अब तक इस देश में क्या हो सकता था इसका अंदाजा वो खुद भी नहीं लगा सकती?
🔻So According to This #FRAUD Lawyer Deepika Singh Rajawat
🔻#HINDUS who Worship Maa Durga, during Navratri are R@pist on Other Days.Feel Like Giving her 'TWO Tight SLAPS' 😡
🔻During #Navratri 🔻On #Eid pic.twitter.com/mKMLUcWNQa
— Awakened Sanatani (@AwakenedSanata1) October 20, 2020
वही हिंदू समाज को स्वयं से यह सवाल पूछने चाहिए:
कब तक कोई व्यक्ति उनकी आस्थाओं पर प्रहार करता रहेगा?
कब तक धर्मनिरपेक्षता की आड़ में हिंदू समाज को गालियां दी जाएंगी?
यह सवाल हिंदू समाज को अपने तथा सभी धर्मनिरपेक्ष नेताओं से पूछना चाहिए अन्यथा वह समय दूर नहीं है जब यह सभी लोग बार-बार हिंदुओं की आस्था पर चोट करना शुरू करेंगे।