आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वर्चुअल समारोह के जरिए राजमाता विजय राजे सिंधिया के सम्मान में 100 रूपये का सिक्का जारी किया। विजय राजे के सम्मान में यह 100 रूपये का सिक्का वित्त मंत्रालय के द्वारा जारी किया गया है। मध्यप्रदेश के जिलों में राजमाता की स्मृति में कई कार्यक्रम आयोजित भी किए जाएंगे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ग्वालियर और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के साथ इस भोपाल स्थित प्रदेश कार्यालय में राजमाता के जीवन पर केंद्र चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन।
पीएम इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा,” राजमाता विजयराजे सिंधिया के सम्मान में 100 रूपये के मारक सिक्के का विमोचन करने का सौभाग्य मिला है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ” आपको पता होगा कि जब कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक यात्रा का प्रारंभ हुआ था। डॉ मुरली मनोहर जोशी जी के नेतृत्व में!.. उस समय में उस यात्रा की व्यवस्था देखता था। राजमाता जी उस कार्यक्रम के लिए कन्याकुमारी आई थी। और बाद में हम जहां श्रीनगर में रहे थे वहां हमें विदाई देने भी आई थी। उन्होंने लगातार हमारा हौसला बुलंद किया था। तब हमारा सपना था लाल चौक में तिरंगा झंडा फहराने का, हमारा मकसद था धारा 370 से मुक्ति मिल जाए राजमाता जी ने उस यात्रा को बिदाई दी थी। आज जब मैं पुस्तक में और चीजें देख रहा था तब पुस्तक में राजमाता विजयराजे सिंधिया ने एक जगह लिखा है,” एक दिन यह शरीर यहीं रह जाएगा, आत्मा जहां से आई है वहीं चली जाएगी, शून्य से शून्य की ओर, अपनी इन स्मृतियों को मैं उनके लिए छोड़ जाऊंगी जिनसे मेरा सरोकार रहा है जिनकी मैं सरोकार रही हूं।”, “आज राजमाता जी जहां कहीं भी है सबको देख रही हैं। हमें आशीर्वाद दे रही हैं। “
प्रधानमंत्री मोदी ने राजमाता विजयराजे सिंधिया को याद करते हुए कहा, “वे वात्सल्य की प्रतिमूर्ति थी!.. अपने सार्वजनिक जीवन में उन्होंने गरीबों वंचितों पीड़ितों के साथ निरंतर करने का कार्य कार्य किए। “विजय राजे सिंधिया ग्वालियर राजघराने की राजमाता होने के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी की संस्थापक सदस्यों में से एक रही थी। वे पांच बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा की सदस्य निर्वाचित हुई। उनका जन्म 12 अक्टूबर 1919 को मध्य प्रदेश के सागर में हुआ था। उनके बेटे का नाम माधवराव सिंधिया जो कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया तथा मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया उन्हीं की बेटी हैं। माधवराव सिंधिया के बेटे ज्योतिरादित्य लंबे समय तक कांग्रेस के साथ रहे थे, लेकिन कुछ समय पहले ही हुए कांग्रेस को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया।