मोदी सरकार काले धन के खिलाफ बड़ी लड़ाई के मुद्दे को प्रमुखता से लिया है। चुनावी रैलियों और जनसभाओं के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काले धन के कारण हो रहा देश का बेड़ा गर्क, और इससे संबंधित देश को हो रहे हानि पर कई बार बोल चुके हैं। साथ ही उन्होंने सरकार मे आने पर काले धन पर बड़ी कार्यवाही करने का आश्वासन भी जनता को दे चुके हैं। इसी कड़ी में सरकार को काले धन के खिलाफ लगातार दूसरी बार सफलता हासिल हुई है।
भारत सरकार को स्विस बैंक में खातों की दूसरी सूची हासिल हुई है। भारत सरकार और स्विट्जरलैंड के बीच सूचना संधि की स्वतः आदान-प्रदान की नई व्यवस्था के तहत यह जानकारी हासिल हुई है। अधिकारियों द्वारा यह जानकारी मिली हुई है, जिसमें स्विट्जरलैंड सरकार ने कहा 86 लाख खातों में 31 लाख वित्तीय खातों की जानकारी साझा की गई है।
काले धन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की पहली सफलता भारत को सितंबर 2019 में मिली थी। जब स्विट्जरलैंड वित्तीय खातों की सूची की जानकारी 75 देशों के साथ साझा की थी। काले धन के खिलाफ लड़ाई में यह अहम भूमिका निभाता है। स्वीटजरलैंड स्विस बैंक में भारत के खातों की जानकारी भारत सरकार को दी थी।स्विजरलैंड वित्तीय खातों की जानकारी 86 देशों के साथ साझा किया है। 86 देशों में भारत भी एक है जिसके साथ स्विजरलैंड वित्तीय खातों की जानकारी साझा किया है। स्विट्जरलैंड के संघीय कर प्रशासन (एफटीए) ने इस साल AEOI पर वैश्विक मानकों के ढांचे के तहत वित्तीय खातों की जानकारी का आदान-प्रदान किया है।
शुक्रवार को एफटीए द्वारा जारी एक बयान में कहा कि भारत को AEOI (सूचना का स्वचालित विनिमय, Automatic exchange of information) के तहत सितंबर 2019 में स्विट्जरलैंड से विवरण का पहला सेट मिला था, जब इसमें 75 देश शामिल थे। इस वर्ष सूचना के आदान-प्रदान में लगभग 3.1 मिलियन (31 लाख) वित्तीय खाते शामिल थे। हालांकि भारत का नाम स्पष्ट रूप से वक्तव्य में नहीं लिया गया था। अधिकारियों द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक भारत उन प्रमुख देशों में से है, जिनके साथ स्विजरलैंड किस स्विच बैंक समेत अन्य वित्तीय संस्थानों का विवरण साझा किया गया है।अधिकारियों ने जानकारी के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए कहा कि स्विट्जरलैंड 86 देशों और 3 मिलियन से अधिक वित्तीय खातों की जानकारी आदान-प्रदान में भारत की संस्थाएं और लोगों की बड़ी भागीदारी है।100 से अधिक संस्थाओं और नागरिकों के बारे में जानकारी स्वीटजरलैंड पिछले साल ही साझा कर चुका है।
राजनेताओं और बड़े व्यापारियों के भी खाता शामिल
इनमें से कुछ मामले भारतीयों द्वारा विभिन्न विदेशी न्यायालयों जैसे पनामा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स और केमैन आइलैंड्स में स्थापित संस्थाओं से संबंधित हैं।
संस्थाओं के अलावा यदि व्यक्तियों की बात की जाए तो अधिकतर बड़े व्यापारी, नेता, तथा कुछ तत्कालीन रॉयल्स के परिवार के खाते शामिल है। पहचानो खाता के वित्तीय जानकारी जैसे जानकारी को अधिकारियों ने नहीं दिया है। दी गई जानकारी में पहचान संख्या, रिपोर्टिंग वित्तीय संस्थान, पूंजी आय, खाता शेष, निवास स्थान आदि शामिल है।
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