उत्तर प्रदेश में प्राचीनतम भाषा संस्कृत को फिर मिलेगा सम्मान, संस्कृत को प्रोत्साहित करने के लिए उठाया यह कदम

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश की सबसे प्राचीनतम भाषा संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब उत्तर प्रदेश में सरकारी कामकाज को हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी के अलावा संस्कृत भाषा में भी आम जनता को बताया जाएगा।

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त्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार नई घोषणाएं करते जा रहे हैं इसी बीच उन्होंने संस्कृत भाषाओं के लिए और संस्कृत भाषा के प्रति लगाव रखने वाले लोगों के लिए एक नई घोषणा की है। इस घोषणा के अनुसार देश की प्राचीनतम भाषा संस्कृत को उत्तर प्रदेश में बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश की सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अब सरकारी कामकाज के लिए हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी के अलावा संस्कृत भाषा में भी आम जनता को बताया जाएगा इस संबंध में सरकार ने सर्कुलर भी जारी कर दिया है।

जानकारी के मुताबिक यह बताया जा रहा है कि सरकार के सर्कुलर के बाद सूचना विभाग की एक टीम ने संबंध में काम करना भी शुरू कर दिया है। अभी तक सरकार के कामकाज को बताने के लिए हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किया जाता था। लेकिन अब संस्कृत भाषा में भी विज्ञप्ति जारी की जाएंगी। सरकार ने इस बड़े फैसले के बारे में संस्कृत में विज्ञप्ति जारी करके आम लोगों को सूचना दी जाएगी। प्रदेश में संस्कृत भाषा को प्रोत्साहित करने की मांग लंबे समय से लोग कर रहे थे जिसे देखते हुए सरकार का यह निर्णय निश्चित रूप से स्वागत योग्य है।

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