यूके की जेल में बन्द भारत के भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने यूके की कोर्ट में ख़ुद को भारत प्रत्यर्पित ना करने की माँग की है। ब्रिटेन की अदालत में नीरव मोदी की ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी गयी है। बुधवार को कोर्ट में नीरव मोदी की ज़मानत याचिका पर सुनवाई करने के पश्चात न्यायाधीश एम्मा अर्बथनॉट ने नीरव मोदी की ज़मानत याचिका ख़ारिज कर दी। न्यायाधीश ने कहा कि वह अब भी नहीं मानती हैं कि वह सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेगा और मई 2020 में मुकदमे के दौरान अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर देगा।
नीरव के वकील हूगो कीथ ने पूर्व में 20 लाख पाउंड मुचलके की जगह 40 लाख पाउंड देने और इलेक्ट्रॉनिक टैगिंग के साथ लगातार निगरानी की पेशकश करते हुए नीरव की ज़मानत की माँग की थी। वहीं दूसरी तरफ़ भारत सरकार की ओर से क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के लिए पेश जेम्स लुईस ने जमानत याचिका को इस आधार पर चुनौती दी कि पूर्व के तीन मौके की तरह इस बार भी परिस्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है और नीरव का इरादा ब्रिटेन से भागने का है।
नीरव मोदी 19 मार्च को गिरफ्तारी के बाद दक्षिण-पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में है। भारत सरकार के अनुरोध पर स्कॉटलैंड यार्ड (लंदन पुलिस) ने प्रत्यर्पण वारंट की तामील करते हुए उसे गिरफ्तार किया था। लेकिन नीरव मोदी ने ख़ुद को भारत प्रत्योपित किये जाने पर जान देने तक कि बात कह डाली है। इस पर भारत सरकार के वक़ील जेम्स लुईस ने ये भी कहा है कि, “नीरव मोदी का इस तरह का बयान, इस बात का सबूत देता है कि अगर उसे ज़मानत दे दी गयी तो वो ब्रिटेन छोड़कर भी भाग जाएगा।”
लुईस की इन्ही दलीलों को ध्यान रखते हुए ब्रिटेन कोर्ट ने नीरव की ज़मानत याचिका ठुकरा दी है।
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