The Sun appear red at Sunrise and Sunset | मनुष्य के जीवन को प्रकृति ने बहुत सारे उपहार दिए हैं। जैसे वनस्पतियां, पशु-पक्षी, जल, वायु, चंद्रमा और सूर्य! आप सभी ने इनकी प्रकृति को बदलते हुए भी देखा होगा। चंद्रमा 16 कलाओं से युक्त होता है, कभी उसका आकार बढ़ता है और कभी उसका आकार घट जाता है। लेकिन आपने कई बार सूरज को देख कर ही अंदाजा लगाया होगा कि सूर्य का रंग कभी-कभी बदलता है। सूर्य का तेज कभी इतना ज्यादा हो जाता है कि हमें वह लाल रंग (sun red) में बदलते हुए दिखाई देता है और यह अक्सर सूर्य के उगते या ढलते समय होता है।
यह नजारा बेहद ही खूबसूरत होता है और लोग इसे अपने कैमरे में कैद भी कर लेते हैं। ऐसा लगता है कि नीले रंग की जमीन पर केसरिया और पीले रंग का पुष्प खेल रहा हो। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह नजारा आपकी आंखों के लिए कितना नुकसानदायक हो सकता है।
वैज्ञानिकों की मानें तो इस खूबसूरत दृश्य को नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए और इसके लिए दूरबीन का इस्तेमाल करना चाहिए। रॉयल म्यूजियम्स ग्रीनीज में खगोल विज्ञानी एडवर्डी ब्लूमर बताते हैं कि यह नजारा इसलिए प्रदर्शित होता है क्योंकि इस समय सूर्य के प्रकाश के प्रकाशीय गुण पृथ्वी के वातावरण से होकर गुजरते हैं।
सूरज के लाल दिखाई देने का कारण!
जैसे ही सूरज की रोशनी अलग-अलग हवा की परतों से गुजरती है। परतों मे अलग-अलग घनत्व की गैंसे होती हैं और इन से गुजरते हुए रोशनी की दिशा बदल जाती है। वातावरण में कुछ कण भी उपस्थित होते हैं जो रोशनी में से उछाल लाते हैं या उसे प्रतिबिंबित करते हैं। जब क्षितिज पर सूर्य का ताप कम होता है तो प्रकाश की नीले और हरे रंग की तरंगे बिखर जाती हैं और ऐसे में हमें बची हुई प्रकाश की नारंगी और लाल तरंगे ही दिखाई देती हैं। बैगनी और नीले रंग की किरण अपनी छोटी बैलेंस के कारण ज्यादा दूर तक नहीं जा पाती !.. जबकि संतरी और लाल रंग की किरणें लंबी दूरी तय कर लेती हैं इसीलिए सूरज हमें लाल, नारंगी और पीले रंग का दिखाई देता है!… लेकिन वास्तव में सूर्य लाल रंग का नहीं हो जाता है।