कौन है निर्मला पंत? 2 साल पहले हुए रेप केस को लेकर अचानक उठने लगी इंसाफ की मांग

नेपाल की रहने वाली 13 साल की छात्रा निर्मला पंत के साथ 26 जुलाई 2018 को बलात्कार किया गया था। जिसके बाद निर्मला की निर्मम हत्या कर दी गयी। 2 साल बाद अब सोशल मीडिया पर निर्मला को इंसाफ देने की मांग उठने लगी है।

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सोशल मीडिया पर निर्मला पंत का नाम इस समय हर जगह चर्चा में बना हुआ है। पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर #justicefornirmalapant जमकर ट्रेंड कर रहा है। कई लोगों के मन में यह सवाल है कि आखिर निर्मला पंत है कौन? और आखिर अचानक सोशल मीडिया पर निर्मला पंत को इंसाफ दिलाने की मुहिम क्यों शुरू की गई? दरअसल यह मामला रेप केस से जुड़ा है और हैरान करने वाली बात की है कि निर्मला पंत रेप केस भारत का मामला नहीं बल्कि पड़ोसी मुल्क नेपाल का है लेकिन इसके बावजूद भारत में भी निर्मला पंत को इंसाफ दिलाने की मांग की जा रही है।

आज से ठीक 2 साल पहले 26 जुलाई 2018 को नेपाल की रहने वाली 13 साल की छात्रा निर्मला पंत के साथ बलात्कार को अंजाम दिया गया था। इतना ही नहीं निर्मला पंत के साथ बलात्कार के बाद उसकी निर्मम हत्या भी कर दी गई थी। लेकिन 2 साल बाद भी आज तक निर्मला के हत्यारे का पता नहीं चल पाया। बाकी केस की तरह इस केस की फाइल को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। आज भी निर्मला पंत का परिवार प्रशासन से न्याय की उम्मीद कर रहा है।

26 जुलाई 2018 के दिन निर्मला अपनी दोस्त रोशनी के घर स्कूल का होमवर्क करने गई थी। लेकिन निर्मला को इस बात का ज़रा सा भी आभास नहीं था कि उसके साथ अगले कुछ घंटों में क्या होने वाला है। 26 जुलाई के अगले ही दिन निर्मला का शव गन्ने के खेत में पड़ा मिला। पुलिस कार्यवाही में इस बात का खुलासा किया गया कि निर्मला के साथ बलात्कार को अंजाम दिया गया है। इस घटना की जानकारी निर्मला के परिवार को दी गयी। 30 जुलाई को निर्मला पंत का अंतिम संस्कार किया गया।

अंतिम संस्कार के बाद निर्मला पंत के हत्यारों को सजा दिलाने की कवायद शुरू हुई। 20 अगस्त 2018 को इस मामले के 2 अपराधियों को पेश किया गया। लेकिन ये मामला यहीं नहीं रुका। देखते ही देखते अगले कुछ ही दिनों में कंचनपुर के स्थानीय लोग और पुलिस के बीच झड़प होनी शुरू हो गई। कई दिनों तक चली इस झड़प में कुछ युवाओं की जान भी गयी। 25 अक्टूबर को सरकार ने इस मामले की जाँच के लिए 5 सदस्यों की समिति का गठन किया गया। इस में कई पुलिसकर्मियों और SP, DSP के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। 14 मार्च 2019 को कंचनपुर कोर्ट ने 21 दिनों के अंदर SP और DSP को कोर्ट में पेश होने का नोटिस जारी किया।

DSP और SP को कोर्ट में पेश होने का नोटिस तो जारी हुआ लेकिन 2 साल बाद तक भी निर्मला पंत को इंसाफ नहीं मिल पाया है। निर्मला की मां का कहना है कि अपराधी बड़े पैमाने पर थे लेकिन कोई ठोस जाँच नहीं की गयी। निर्मला की मां आज भी अपनी बेटी को न्याय दिलाने की मांग कर रही हैं जिसके साथ अब नेपाल समेत भारत के भी कई युवा आ खड़े हुए हैं।

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