अल्पसंख्यकों के लिए भारत एक सबसे सुरक्षित देश है। उसके बाद भी बहुत सारे अल्पसंख्यकों के नेता भारत को टारगेट किए रहते हैं। लेकिन वह लोग कभी चीन में हो रहे मुस्लिमों पर जुल्म के बारे में बात नहीं करते। अभी ताजा घटनाक्रम में चीन के शिनजियांग प्रांत में मुस्लिमों का उत्पीड़न किया जा रहा है। रेडियो फ्री एशिया के अनुसार आतुश जिले के सुल्तान गांव में बनी तोकुल मस्जिद को सरकारी महकमे ने ध्वस्त कर दिया है। इसके बाद यहां पर सार्वजनिक शौचालय और अटैच रूम बनवा दिया है। जागरण की रिपोर्ट के अनुसार 2016 से जारी अभियान में इस इलाके की 3 मस्जिदों को पहले ही ध्वस्त कराया जा चुका है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की कट्टरवादिता के कारण अप्रैल 2017 से करीब 18 लाख उईगर और अन्य मुस्लिमों को शिविर में नजरबंद कर दिया गया है। मुस्लिमों का कहना है कि वहां उन्हें वामपंथी व्यवस्था का सम्मान करना पड़ रहा है। दुनियाभर में इन शिविरों के खिलाफ आवाज उठ रही है लेकिन चीन पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है।
रेडियो को टेलीफोन पर दिए इंटरव्यू में शोतांग गांव की उईगर भाईचारा कमेटी के प्रमुख ने बताया कि मस्जिद को 2018 में गिराया गया था और उसकी खाली जगह पर इसी साल शौचालय बनवा दिया गया, लेकिन इस्तेमाल के लिए अभी इसे नहीं खोला गया है। जहां पर यह निर्माण किया गया है वहां शौचालय की आवश्यकता नहीं थी क्योंकि वहां सभी के घरों में शौचालय है। यह निर्माण कार्य सरकारी महकमे और हान जाति के लोगों ने किया है। इस तरह के कार्य मुस्लिमों के प्रति सरकार की द्वेष भावना का प्रतीक है।