जानिए शाहजहाँ की तरह अपनी मादा साथी के लिए घोंसला बनाने वाले पक्षी के बारे में, पसंद न आये तो खुद कर देता है नष्ट

भारत में एक पक्षी पाया जाता है जो अपनी मादा के लिए तिनका-तिनका एकत्रित करके खूबसूरत घोंसला तैयार करता है। लोग इसे शाहजहाँ भी कहते हैं। अपनी छोटी सी चोंच से वह ऐसा घोंसला बनाता है जिससे उसकी साथी उसपर फ़िदा हो जाती है।

0
1273

भारत में अनेकों प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं पर उनमें से एक पक्षी ऐसा भी होता है जिन्हें हम विश्वकर्मा भी कह सकते हैं। जिस तरह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज के लिए एक खूबसूरत ताजमहल बनवाया था उसी तरह यह नर पक्षी अपनी मादा को रिझाने के लिए अपनी छोटी सी चोंच से खूबसूरत घोंसला बनाता है और उस घोसले में अपनी मादा साथी को लेकर जाता है। इस पक्षी का नाम है बया (Baya weaver)। ये घोंसले कुछ इस तरीके से दिखाई देते हैं कि मानो नारियल उल्टा लटका हुआ हो।

यह पक्षी (Baya Weaver) अपने घोंसले को इतना खूबसूरत बनाता है कि जो कोई भी इस घोंसले को देखता है वह उस पर मुग्ध हो जाता है। इस घोंसले में वातानुकूलित हवा, भोजन, पानी के साथ-साथ सुरक्षा का भी पूरा इंतजाम रहता है। ये घोंसले अधिकतर बबूल के पेड़ों पर देखे जाते हैं। नर बया एक दिन में 100 से 500 बार अपनी चोंच से अपने घोंसले को मजबूत करता है। उसके बाद यह पक्षी तालाब से गीली मिट्टी लाकर घोंसले के ऊपरी हिस्से पर चिपका देता है।

घोंसला बनाने के बाद नर बया (Baya weaver) उसे पीले फूलों से सजा देता है और मादा साथी को उस घर में आमंत्रित करता है। मादा घोंसले के निरीक्षण के बाद दोनों लोग उसमें रहने लगते हैं और कई बार मादा को वह घोंसला पसंद नहीं आता तो नर बया उसे खुद ही नष्ट कर देता है। एक मादा एक बार में 7 अंडे देती है और इन अंडों से 13 से 15 बच्चे निकलते हैं। बया एक एकजुट होकर रहने वाला पक्षी है इसीलिए एक पेड़ पर इसके कई घोंसले पाए जाते हैं। वयस्क होने पर नर तथा मादा बया में फर्क नहीं किया जा सकता क्योंकि दोनों का रंग एक ही जैसा हो जाता है। वयस्क होने पर नर बया के सिर और गर्दन के नीचे का हिस्सा पीला हो जाता है और मादा का सफ़ेद हो जाता है।

Image Attribution: Fareedz / CC BY-SA

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here