श्रीलंका के प्रधानमंत्री के रूप में 74 वर्ष के नेता महिंद्रा राजपक्षे की ताजपोशी हो चुकी है। महिंद्रा चौथी बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री बने हैं। उत्तरी कोलंबो के उप-नगर केलानिया में मौजूद ऐतिहासिक बौद्ध मंदिर ‘राजमहा विहार’ में शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किया गया। महिंद्रा के छोटे भाई गोटाभाया राजपक्षे, जो श्रीलंका के राष्ट्रपति हैं, ने उनको प्रधानमंत्री की शपथ दिलाई। इस पूरे कार्यक्रम का प्रसारण सोशल मीडिया पर किया गया और जिस समय शपथ ग्रहण समारोह हुआ उस समय पूरा राजपक्षे परिवार बौद्ध मंदिर में उपस्थित था।
माना जा रहा है कि सत्ता पर राजपक्षे परिवार की पकड़ और मजबूत करने को लेकर संविधान संशोधन के लिये यह दो-तिहाई बहुमत महत्वपूर्ण साबित होगा। राजपक्षे परिवार के उत्तराधिकारी और महिंद्रा राजपक्षे के बेटे नमल राजपक्षे को भी पाँच अगस्त को हुए आम चुनाव में हम्बनटोटा से जीत मिली है।
महिंद्रा राजपक्षे के मिलनसार व्यक्तित्व के कारण लोगों उन्हें किंग भी बुलाते हैं। उनकी भाषा शैली भी अलग है उनके बोलने का अंदाज भी अलग है। इसीलिए उन की जनता उन्हें बहुत ही चाहती है। 2009 में श्रीलंकाई गृहयुद्ध के कारण प्रधानमंत्री पर बहुत सारे गंभीर आरोप लगे जिन से अभी तक प्रधानमंत्री का पीछा नहीं छूटा है। कुछ लोग अपने गीतों और कविताओं में प्रधानमंत्री को राजा तक कहते हैं। श्रीलंका के आम चुनावों में राजपक्षे परिवार के श्रीलंका पीपुल्स फ़्रंट (एसएलपीपी) ने दो-तिहाई बहुमत से जीत हासिल की थी। जिसकी पार्टी को प्रस्तावित ‘संवैधानिक परिवर्तनों’ को पूरा करने के लिए ज़रूरत भी थी।
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