केरल | केरल हाईकोर्ट ने एक रेप पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति देकर एक मिसाल पेश की है।14 साल की नाबालिग रेप पीड़िता को 24 सप्ताह का गर्भ था। उसने कोर्ट में याचिका दाखिल कर के गर्भपात कराने की अनुमति माँगी थी। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने पीड़िता की याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया। केरल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने रेप पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति दे दी।
पीड़िता की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एके जयशंकरन नांबियार और शाजी पी चेली की पीठ ने यह पाया कि प्रजनन के लिए विकल्प चुनने का अधिकार, अनुच्छेद 21 के तहत व्यक्तिगत स्वतंत्रता का ही एक पहलू है। बताया जाता है कि 14 साल की पीड़िता के साथ दरिंदगी की घटना हुई थी। लापता पीड़िता पांच महीने बाद मिली थी। वह 24 सप्ताह के गर्भवती है। पीड़िता के पिता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गर्भपात की अनुमति मांगी थी। नाबालिग के साथ रेप करने वाले 28 साल के आरोपी को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है। उस पर पॉक्सो एक्ट के तहत कार्यवाही की जा रही है।
भारत के न्यायपालिका के इतिहास में ये कोई पहला अवसर नहीं है, जब कोर्ट ने रेप पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति दी हो। इससे पहले पिछले साल जुलाई महीने में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भी 13 साल की नाबालिग रेप पीड़िता को 26 सप्ताह का गर्भ गिराने की अनुमति दी थी। वहीं बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी साल 2018 में एक रेप पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति दी थी।
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