13 दिसंबर, 2001 भारतीय इतिहास की वो काली तारीख है, जिस दिन लोकतंत्र के मंदिर को आतंकियों ने निशाना बनाया। लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादियों ने संसद भवन पर हमला किया। इस हमले में नौ लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में दिल्ली पुलिस के छह जवान, दो संसद सुरक्षा सेवा के जवान और एक माली शामिल थे। वहीं, हमले को अंजाम देने आए आतंकियों को ढेर कर दिया गया। संसद पर हमले की आज 19वीं बरसी है। ऐसे में आइए जानते हैं,
आखिर क्या हुआ था उस दिन…
तारीख 13 दिसंबर 2001, समय :सुबह 11 बजकर 28 मिनट, स्थान- संसद भवन
इस दिन संसद में शीतकालीन सत्र चल रहा था। नेतागण संसद में मौजूद थे, किसी बात को लेकर पक्ष और विपक्ष में जबरदस्त हंगामे के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही 40 मिनट के लिए स्थगित की जा चुकी थी। लेकिन इसी बीच संसद के बाहर गोलियों की तड़तड़ाहट ने सिर्फ संसद को नहीं बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। देश में लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर पर आतंकियों ने हमला बोल दिया था।
‘आतंकी ताकतों को हराने का संकल्प हो और मजबूत’ : राष्ट्रपति
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हमें आतंकवादी ताकतों को हराने का संकल्प और मजबूत करना होगा। राष्ट्रपति के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट में कहा गया, “राष्ट्र बड़ी कृतज्ञता से उन बहादुर शहीदों को याद करता है जिन्होंने 2001 में आज के दिन संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। हमारे लोकतंत्र के मंदिर के उन रखवालों के बलिदान को याद करते समय, हमें आतंकी ताकतों को हराने के हमारे संकल्प को और मजबूत करना है।” वहीं, पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में आगे कहा, “हम उनकी बहादुरी और बलिदान को याद करते हैं जिन्होंने हमारी संसद की रक्षा में अपनी जान दे दी। भारत हमेशा उनका कृतज्ञ रहेगा।”
पांचों आतंकियों को कर दिया गया था ढेर
19 साल पहले, आज ही के दिन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के आतंकवादियों ने संसद पर हमला किया था। वे परिसर में घुसकर गोलीबारी कर रहे थे जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी। सुरक्षा बलों की कार्रवाई में पांचों आतंकवादी मारे गए थे। आतंकियों की गोलीबारी में जान गंवाने वालों में दिल्ली पुलिस के पांच जवान, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक महिलाकर्मी, संसद परिसर में तैनात एक वॉच एंड वार्ड कर्मचारी और एक माली शामिल थे। गोलीबारी में एक फोटो पत्रकार की भी मौत हो गई थी।