गुजरात के सूरत में जीवनसाथी मेले का आयोजन किया गया। इस मेले में देश भर के वरिष्ठ जन पहुंचे। ‘अनुबंध फाउंडेशन’ के पदाधिकारी ने कहा कि, आखिरी समय में अपने साथियों से दूर हुए लोगों की बची हुई जिंदगी भी एक हमसफर के साथ गुजरे इसके लिए हम ये आयोजन कराते हैं। आपको बता दें कि अनुबंध फाउंडेशन अभी तक लगभग 200 ऐसे लोगों की जोड़ी बनवा चुका है जो बुढ़ापे में अपने जीवन की तलाश कर रहे थे। इस फाउंडेशन के एक अधिकारी ने न्यूज़ बन इंडिया को बताया कि बुढ़ापे में अकेलापन बुजुर्गों की सबसे बड़ी परेशानी होता है। हमारी संस्था बुजुर्गों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए काम कर रही है। जो बुजुर्ग हिस्सा लेना चाहते हैं उनके द्वारा पहले बाकायदा संस्था से संपर्क किया जाता है। तब कुछ जरूरी स्टेप्स के साथ उनकी जोड़ी बंधन में बंधती है।
जानकारी के मुताबिक जीवनसाथी मेले में इस बार एक ऐसी वृद्धा भी पहुंची, जिसकी दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं और वो आंखें बंद होने से पहले अपने पति के लिए महिला की तलाश कर रही थी। उसने कहा कि, मेरे पति को दिखना बंद होने से पहले उसके जैसी सोच रखने वाली वृद्धा मिल जाए तो ये आखिरी इच्छा पूरी हो जाएगी। उसने कहा कि, जीवनसाथी मेरे पति को मिले यही मेरी अंतिम इच्छा है। आपको बता दें कि इस बार 70 वृद्धाओं और 200 बुजुर्गों को सम्मेलन में आमंत्रित किया। जिनमें से 10 जोड़ों को उनका जीवनसाथी भी मिल गया।