जीवन को जीने की कला गीता के द्वारा सीखी जा सकती है और राजधर्म का पालन किस प्रकार किया जाए इसका ज्ञान महाभारत में हमें मिलता है? हमेशा ही धार्मिक कट्टरवाद के कारण मनुष्यता को नुकसान होता रहा है। लेकिन इस बीच एक ऐसी खबर आ रही है जो पूरे विश्व के लिए लाभदायक है। बताया जा रहा है इस्लामिक देश सऊदी अरब में अब हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ रामायण और महाभारत को वहां के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। ऑपइंडिया के अनुसार इस्लामिक राष्ट्र सऊदी अरब ने बदलते वैश्विक परिदृश्य के बीच खुद को उसमें ढालना शुरू कर दिया है. मुस्लिम देश ने शैक्षणिक क्षेत्र के लिए नया “विजन-2030” लॉन्च किया है, जिसमें वहाँ सांस्कृतिक पाठ्यक्रमों के तहत विद्यार्थियों को दूसरे देशों के इतिहास और संस्कृति को भी पढ़ाया जा रहा है।
इसमें रामायण, महाभारत को भी पाठ्यक्रमों के तौर पर शामिल किया गया है।
नए विज़न 2030 में अंग्रेजी भाषा को भी अनिवार्य कर दिया गया है। सऊदी के यूजर्स में से नूफ़-अल-मारवाई नामक ट्विटर यूजर द्वारा एक स्क्रीनशॉट साझा करके यह बताया गया है। उन्होंने लिखा, सऊदी अरब का नया विज़न -2030 और सिलेबस एक ऐसा भविष्य बनाने में मदद करेगा जो समावेशी, उदार और सहिष्णु हो। सामाजिक अध्ययन की पुस्तक का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए उन्होंने लिखा कि आज मेरे बेटे की स्कूल परीक्षा के सिलेबस में हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, रामायण, कर्म, महाभारत और धर्म की अवधारणाएं और इतिहास शामिल हैं। मुझे उसके अध्ययन में मदद करने में मज़ा आया।