दौसा । महवा थाना इलाके में सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस के आठ पॉजिटिव मरीज मिलने का फेक मैसेज फैलाने वाले सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर अनिल टांक को सोमवार गिरफ्तार किया गया। महवा पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार युवक चिकित्सा विभाग में सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर का संविदा कर्मचारी है जिसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि रविवार को बांदीकुई में कोरोना वायरस के आठ पॉजिटिव मरीज मिलने के फेक मैसेज के वायरल होने से प्रशासन में हड़कंप मच गया था। चिकित्सा विभाग ने तुरंत एक लेटर जारी कर इस मैसेज का खंडन किया। दिनभर इस मैसेज के वायरल होने से लोगों में भी खौफ की स्थिति बनी रही। महवा एसडीएम ने भी अस्पताल पहुंचकर निरीक्षण किया।
दरअसल मैसेज जैसे ही वाॅट्सऐप व फेसबुक के माध्यम से लोगों के मोबाइलों पर पहुंचा तो लोगों में दहशत का माहौल हो गया और प्रशासन के भी हाथ पैर फूल गए। चिकित्सा विभाग ने इस वायरल मैसेज को फेक बताते हुए तुरंत एक लैटर जारी कर इसका झूठी अफवाह बताया कि यह खबर पूर्णतया निराधार व भ्रामक है। विभाग के अधिकारियों ने इसे लेकर उच्च अधिकारियों को भी लैटर भेजा। जिले में कोरोना वायरस को लेकर चिकित्सा विभाग के कर्मचारी द्वारा अफवाह फैलाने पर सरकार ने इसे बड़ी गंभीरता से लिया है। राज्य सरकार ने कोरोना से जुड़ी अफवाह फैलाने पर चिकित्सा विभाग के सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर अनिल टाक को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। कर्मचारी के खिलाफ महवा थाने में मामला दर्ज कराया गया है। बाद में महवा थाना पुलिस ने उसे सोमवार को जयपुर से गिरफ्तार लिया।