विश्व के किसी भी देश में श्रम करना जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है इसी श्रम के बाद हमें आर्थिक रूप से सहायता प्राप्त होती है जिसके जरिए हमारा जीवन सुचारु रुप से चल पाता है लेकिन कई बार देखा गया है कि इसी श्रम के तले दबकर लोग रह जाते हैं। बताया जा रहा है कि नई सरकार श्रम को लेकर एक नई नियमावली लाने वाली है। श्रम तथा रोजगार सचिव अपूर्व चंद्रा के द्वारा जारी किए गए एक बयान में इसकी साफ पुष्टि होती है। हालांकि बताया जा रहा है कि अधिकतम 48 घंटे काम करने वाली नियमावली में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं किया जाएगा।
अपूर्व चंद्रा का कहना है, “त्रिपक्षीय चर्चा के दौरान 1 दिन में 12 घंटे से ज्यादा काम करने पर चिंता जताई गई है। हम इस पूरे मामले में लचीलापन लाने का प्रयास कर रहे हैं। नियोक्ता को हफ्ते में चार से 5 दिन ही काम करने की अनुमति दी जा सकती है। बहुत सारे नियोक्ता तो हफ्ते में 4 दिन काम करने के लिए ही राजी हैं।”
श्रम तथा रोजगार मंत्रालय के द्वारा बताया गया कि चार श्रम नेताओं की नई नियमावली बनाने का काम चल रहा है। आगामी हफ्ते में यह काम भी पूरा हो जाएगा। इस व्यवस्था को बनाने के लिए पहले कई अधिकारियों से चर्चा की गई और अब इस नियमावली को अंतिम रुप दिया जा रहा है।