लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोरोना आपदा से लडखड़ाई उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था अब फिर पटरी पर आ रही है। प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं और अप्रैल की तुलना में मई में हमें अच्छा राजस्व मिल रहा है। सरकार, लॉकडाउन के कारण हुए वित्तीय नुकसान की भरपाई के लिए जनता पर कोई नया टैक्स नहीं लगाएगी, बल्कि उसे और राहत देने की कोशिश कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को वेबिनार के माध्यम से वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उस दौरान उन्होंने कहा कि, कोशिश यही है हम ‘जान भी और जहान भी’, दोनों को साथ लेकर चलें। एक्सप्रेसवे परियोजनाओं, डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और मेडिकल कॉलेज निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुके हैं। एमएसएमई सेक्टर ने 27 लाख लोगों के साथ काम करना शुरू कर दिया है। बड़े उद्योग प्रारंभ हो चुके हैं जिनमें 65 हजार से ज्यादा लोगों ने काम शुरू कर दिया है। कोरोना संकट के कारण पर्यटन क्षेत्र को धक्का लगा लेकिन अब इस सेक्टर में गतिविधियां फिर से आगे बढ़ेंगी।
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उन्होंने बताया कि नए निवेश के लिए प्रस्ताव आने शुरू हो चुके हैं। विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए अलग-अलग मंत्री समूह गठित हो चुके हैं, अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया के कारोबारियों की सुविधा के लिए डेस्क स्थापित हो चुकी हैं। उनसे लगातार संवाद जारी है। चीन से कदम खींचने के इच्छुक निवेशक उप्र को भारत का सबसे अच्छे गंतव्य के तौर पर देखते हैं। हाल में ही में जर्मनी की एक कंपनी ने निवेश के लिए उत्तर प्रदेश का चयन किया है। संकट के इस समय में भी उप्र नए निवेश के लिए पूरी तरह तैयार है।