हम सभी जानते हैं जनसंख्या के हिसाब से भारत का विश्व में दूसरा स्थान है। वही उत्तर प्रदेश का भारत में जनसंख्या के अनुसार पहला स्थान है। निश्चित रूप से किसी भी देश या राज्य की बढ़ती हुई जनसंख्या उसकी प्रगति के मार्ग का सबसे बड़ा पत्थर होती है। जनसंख्या के बढ़ने से रोजगार, आवास तथा भोजन की समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं और कालांतर में यह समस्या बहुत बड़ी हो जाती हैं। उत्तर प्रदेश लगभग 25 करोड़ वाली जनसंख्या का प्रदेश है इसीलिए इस प्रदेश में लगातार रोजगार तथा आवास का संकट देखा जा रहा है। इसीलिए प्रदेश की आबादी को कम करने के लिए 11 जुलाई को उत्तर प्रदेश सरकार की जनसंख्या नीति की घोषणा करेगी। जिसमें गर्भनिरोधक उपायों को लोगों तक पहुंचाना तथा गर्भपात की समुचित व्यवस्था करना शामिल होगा।
इस नीति के माध्यम से नवजात मृत्यु दर तथा मातृ मृत्यु दर को कम करने पर ध्यान दिया जाएगा। तथा नपुंसकता और बांझपन की समस्या का समाधान करते हुए जनसंख्या को नियंत्रित करने का कार्य भी किया जाएगा। 11 से 19 साल के किशोरों को कुपोषण से बचाने की तथा अच्छा स्वास्थ्य और शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था भी प्रदेश सरकार की ओर से की जाएगी।11 जुलाई विश्व जनसंख्या नियंत्रण दिवस पर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ खुद नई जनसंख्या नीति का ऐलान करेंगे।