इस बार उत्तर प्रदेश में कैसी सरकार बनी है जो लगातार माफियाओं के खिलाफ काम कर रही है। चाहे वह भूमाफिया हो गुंडे हो तस्कर हो या फिर किसी और आपराधिक श्रेणी में आते हो, उत्तर प्रदेश सरकार लगातार उनकी संपत्तियों को जप्त करने में लगी हुई है। हम आपको बता दें कई सांसद और पूर्व विधायक शामिल हैं। किसी का फ्लैट, किसी का मकान किसी का मॉल, किसी की धर्मशाला तो किसी का गेस्ट हाउस ढहाया जा चुका है। यानी कि अब तक करोड़ों की जमीन को इन माफियाओं से मुक्त किया गया है। प्रदेश सरकार के आदेश पर जिला और पुलिस प्रशासन ऐसी सभी संपत्तियों का ब्यौरा एकत्रित कर रही है। जिन पर माफियाओं और पूर्व सांसदों तथा पूर्व विधायकों ने कब्जा कर रखा है। उत्तर प्रदेश सरकार के सामने अब तक 210 माफिया आ चुके हैं और इनसे जुड़े हुए कई गैंगस्टर भी अब उत्तर प्रदेश सरकार की निगरानी में हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने कार्रवाई करके इन सभी पर लगभग 766 करोड रुपए की आर्थिक चोट पहुंचाने का काम किया है।
उत्तर प्रदेश की सरकार के द्वारा पूर्व सांसद अतीक अहमद उसके भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम समेत 23 लोगों के खिलाफ सरकारी जमीन को कब्जे से मुक्त कराया गया है। अधिकारियों के अनुसार इस कार्रवाई में उन्होंने करीब 300 करोड रुपए की आर्थिक चोट इन आपराधिक श्रेणी में आने वाले लोगों को पहुंचाई है। पूर्वांचल में मुख्तार अंसारी समेत 104 माफिया और उनके करीबियों की जमीन, मकान, शस्त्र लाइसेंस, समेत 103 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति जप्त की गई है। वहीं लखनऊ में मुख्तार अंसारी और उसके बेटे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करके 100 करोड़ों रुपए की संपत्ति ढहा दी गई है।
इसके अलावा कई संपत्तियों को कुर्क भी किया गया है, मुख्तार के बेहद करीबी हरविंदर उर्फ जुगनू की ढाई करोड़ रुपए की संपत्ति को कुर्क किया गया है। इसके अलावा उसके भाई अफजाल अंसारी की संपत्ति को भी पुलिस ने अवैध घोषित कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ हिस्ट्रीशीटर राम सिंह पर गैंगस्टर एक्ट के तहत 84 करोड़ की संपत्ति कुर्क करके उसके साम्राज्य को समाप्त कर दिया गया है।
इसके अलावा बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिनके खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार ने कार्रवाई करके उनकी संपत्तियों को जप्त कर लिया है। और यह कार्रवाई पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक की गई है। यानी कि मुरादाबाद से लेकर मुजफ्फरनगर और मेरठ से लेकर गोरखपुर तक, ऐसा कोई जिला नहीं है जहां पर अवैध संपत्तियों से कब्जे नहीं हटाए गए हो।