20 हजार करोड़ के निवेश की तैयारी में योगी सरकार, उत्तर प्रदेश में होगा खिलौनों का निर्माण

चीन की तरह उत्तर प्रदेश में भी भारी संख्या में खिलौनों का निर्माण होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने औद्योगिक संगठनों व विभागों से इस प्रस्तावित नीति पर सुझाव मांगे हैं।

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भारत चीन सीमा विवाद के बाद अब उत्तर प्रदेश चीन को टक्कर देने के लिए नई योजना का निर्माण कर रहा है। इस योजना के तहत अब चीन से खिलौनों के आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार खिलौना नीति 2020 तैयार कर रही है। इस नीति के तहत उत्तर प्रदेश में खिलौनों का निर्माण होगा। यह माना जा रहा है कि इस नीति को जल्द से जल्द उत्तर प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि 2025 तक खिलौनों का निर्माण उत्तर प्रदेश में हो। इस योजना की सहायता से सरकार 20 हजार करोड़ का निवेश और 3 लाख लोगों को रोजगार देने की तैयारी में है।

इस नीति के लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य होगा जहां पर खिलौना उद्योग के लिए अलग से नीति तैयार होगी। नीति में खिलौना उद्योग में निवेश करने वाले उद्यमियों को तमाम सुविधाएं देने की व्यवस्था भी की जा रही है। यह भी माना जा रहा है कि MSMI विभाग खिलौनों की डिजाइनिगं ब्रांडिंग, मार्केटिंग के साथ ही निर्यात में सहयोग करेगा।

ग्लोबल मार्केट रिसर्च फर्म के आंकड़े यह बताते हैं कि भारत में 90 फ़ीसदी खिलौनों का आयात चीन से होता है। खिलौनों के विश्व बाजार में भारत की भागीदारी आधी फीसदी से भी कम है। देश में इस समय करीब 10 हजार करोड़ रुपए का खिलौनों का बाजार है। राज्य में झांसी में परंपरागत खिलौने बनते हैं। चित्रकूट और वाराणसी में लकड़ी के खिलौनों को काम होता है। इलेक्ट्रॉनिक और बैटरी आधारित खिलौनों का निर्माण नहीं के बराबर है। यदि यह नीति उत्तर प्रदेश में लागू हो जाती है तो निश्चित रूप से उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए संजीवनी की तरह काम करेगी।

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