भारत में बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण के मामले विभिन्न राज्यों की सरकारों तथा केंद्र सरकार के लिए नई मुसीबतें खड़ी कर रहे हैं। इसी कोरोनावायरस के दौरान देश के कई राज्यों में ऑक्सीजन की किल्लत हो चुकी है, हालांकि केंद्र सरकार के द्वारा लगातार राज्यों को ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है। लेकिन कई राज्यों के द्वारा यह आरोप भी लगाया गया है कि दूसरे राज्य उनकी ऑक्सीजन को रास्ते में ही रोक रहे हैं। ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को मेडिकल ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति, उत्पादन और उसके अंतर राज्य परिवहन को सुनिश्चित करने के निर्देश दे दिए हैं।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कठोर आपदा प्रबंधन कानून 2005 के तहत उक्त आदेश जारी किए हैं। मंत्रालय ने गुरुवार को निर्देश दिए कि राज्यों के बीच मेडिकल ऑक्सीजन की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। यही नहीं ऑक्सीजन ले जाने वाले वाहनों के अंतर-राज्य आवाजाही की अनुमति दी जाए। मंत्रालय के द्वारा यह आदेश दिया गया है कि यदि हमें यह सूचना मिलती है कि किसी जिले में इस आदेश का उल्लंघन हुआ है तो वहां के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक इस घटना के जिम्मेदार होंगे।
गृह सचिव भल्ला ने कहा कि कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन की पर्याप्त और निर्बाध उपलब्धता बेहद जरूरी है। ऐसे में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति बनाए रखना जरूरी है। ऐसे में आपदा प्रबंधन कानून के तहत प्राप्त अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को अपने अधिकार क्षेत्र में निम्न निर्देशों का पालन सुनिश्चत करने का निर्देश जारी करती है।