लखनऊ | कानपुर में विकास दुबे द्वारा पुलिस की दुर्दांत हत्या के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस बौखलाई नजर आ रही है। प्रदेश पुलिस अब किसी भी अपराधी और गुंडे को बख्शने के मूड में नहीं दिख रही है। उत्तर प्रदेश में करीब 14 हजार अपराधी अब सीधे पुलिस के निशाने पर आ गए हैं। डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के निर्देशों के बाद टॉप 10 अपराधियों की नए सिरे से तलाश शुरू हो गई है। अब उनके गुर्गों व छोटे गिरोहों पर भी और बारीक नजर रखने को कहा गया है। हिस्ट्रीशीटर अपराधियों की समीक्षा भी शुरू की गई है।
यूपी पुलिस के लिए दस्यु गिरोहों का सफाया करने के बाद अब माफिया और गुंडों की सफ़ाई करना दूसरी सबसे बड़ी चुनौती हैं। कुख्यात बाहुबली मुख्तार अंसारी, त्रिभुवन सिंह उर्फ पवन कुमार, अतीक अहमद, खान मुबारक, मु.सलीम, मु.सोहराब, मु.रुस्तम, ओम प्रकाश उर्फ बबलू श्रीवास्तव, बृजेश कुमार सिंह उर्फ अरुण कुमार सिंह, सुभाष सिंह ठाकुर, ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुन्टू सिंह, मुनीर, संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा, सुंदर भाटी उर्फ नेताजी, अनिल दुजाना, सुशील मूंछ जैसे टॉप 25 अपराधी हमेशा से हिट लिस्ट में रहे हैं। इनमें से अधिकतर जेल की सजा भी काट रहे हैं।
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लेकिन जेल में रहते हुए भी ये अपना गैंग चलाते रहे हैं। ऐसे में पुलिस अब अतीक अहमद, मुख़्तार अंसारी जैसे बड़े लेवल के माफियाओं की गैंग के सदस्यों की भी पूरी लिस्ट निकाल रही है। पुलिस इन सभी के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने के मूड में है। इन माफियाओं का आपराधिक घटनाओं से लेकर अवैध खनन व तस्करी में गहरा दखल रहा है। पुलिस की निगरानी का ही नतीजा है कि बीते दिनों में गैंगेस्टर एक्ट व गुंडा एक्ट के तहत भी लगातार बड़ी कार्रवाई गई है। करीब 14 हजार अपराधी अब सीधे पुलिस के निशाने पर आ गए हैं।