उत्तर प्रदेश सरकार लगातार प्रत्येक क्षेत्र में एक बेहतरीन काम कर रही है। चाहे महिला सुरक्षा हो, चाहे युवाओं के रोजगार की बात हो, चाहे संक्रमण से लड़ने की चुनौती हो इन सभी में उत्तर प्रदेश का प्रशासन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने पीएसी के कुछ डिमोशन किए गए जवानों को तुरंत प्रमोशन देने का फैसला किया है और इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने प्रमोशन देने में अड़ंगा लगाने वाले एडीजी के खिलाफ जांच के आदेश भी दे दिए हैं।
दरअसल डीआईजी कार्मिक एवं स्थापना डॉक्टर आरके शंकर की तरफ से सितंबर के दूसरे सप्ताह में जारी एक आदेश के तहत, नागरिक पुलिस में हेड कांस्टेबल पद पर कार्यरत 890 पुलिसकर्मियों को डिमोशन करते हुए पीएसी में कॉन्स्टेबल पद पर वापस भेजा गया था। वर्षों पहले पीएसी से नागरिक पुलिस में आए यह पुलिसकर्मी प्रोन्नत होकर हेड कॉन्स्टेबल बने थे। डीजीपी मुख्यालय की तरफ से जारी किए गए आदेश में बताया था कि कांस्टेबल जितेंद्र कुमार सिंह एवं तीन अन्य ने अपनी प्रोन्नति के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी इस पर हाईकोर्ट ने विभाग को याचिकाकर्ताओं के प्रत्यावेदन पर 6 हफ्ते में निर्णय लेने का आदेश दिया था। चारों याचिकाकर्ता पीएसी संवर्ग में भर्ती हुए थे और परिचय अनेक कारणों से जनपदीय पुलिस में स्थानांतरित हुए थे।
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कुल 932 कॉन्स्टेबल पीएचसी में भर्ती हुए थे कमेटी ने इन मैसेज 910 को पदोन्नत कर कॉन्स्टेबल के पद पर पीएसी काडर में वापस और 22 कॉन्स्टेबल को उसी पद पर पीएसी काडर में वापस की सिफारिश की। इन 910 में से 6 वर्तमान में पुलिस सब इंस्पेक्टर पद पर कार्यरत हैं। शेष 904 कर्मचारियों से 14 या तो रिटायर हो गए हैं उनका निधन हो गया है।
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