भारत को विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश कहा जाता है। लेकिन एक सच ये भी है कि ये देश राजनीति की चार दीवारी से घिरा हुआ है। यहां के राजनेता वोट बैंक के लिए राजनैतिक रोटियां सेकने का कोई मौका नहीं छोड़ते। इस समय वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते देश भर में लागू किये गए लॉकडाउन को 2 महीने से ज्यादा का समय हो गया है। लॉकडाउन का सबसे बड़ा असर प्रवासी मजदूरों पर पड़ा है। लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही हज़ारों मजदूर पैदल ही मीलों का सफर तय कर अपने घर जाने पर मजबूर हैं।
लेकिन संकट की इस घड़ी में भी इन प्रवासी मजदूरों को लेकर पिछले कुछ दिनों से खूब राजनीति हो रही है। एक तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार है तो दूसरी तरफ पूरा विपक्ष। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) इस समय विपक्ष के निशाने पर हैं। विपक्ष का कहना है कि इन मजदूरों के लिए योगी सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की। जबकि हकीकत ये है कि पलायन कर रहे इन मजदूरों का आधा तबका तो उत्तर प्रदेश का है ही नहीं। इसके बावजूद सीएम योगी ने लॉकडाउन के पहले चरण में ही इन प्रवासी मजदूरों के लिए 1000 बसों का प्रबंध कराया था। इन बसों से सिर्फ उत्तर प्रदेश के ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों के लोगों को भी उनके घरों तक पहुंचाया गया। इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य विभाग और कोरोना के संकट के बीच अपने निर्णयों से भी दूसरे राज्यों के लिए उदाहरण भी पेश किया है।
अपने राज्य पर क्यों ध्यान नहीं दे रहे राजनेता
कांग्रेस सरकार लगातार उस समय उत्तर प्रदेश की सरकार पर सवाल खड़े कर रही है जब उन्हें अपने राज्य पर ध्यान देने की जरुरत है। महाराष्ट्र में तो कोरोना से संक्रमित 40 हज़ार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। जबकि राजस्थान में ये आंकड़ा 6 हजार तक पहुंचने वाला है। हैरान करने वाली बात ये भी है कि यूपी पर ऊँगली उठाने वाली प्रियंका वाड्रा ने कांग्रेस बहुल राज्यो में अभी तक बसों या ट्रेन की व्यवस्था नहीं कराई है।
कारीगरों और श्रमिकों के लिए यूपी सरकार ने शुरू की ट्रेन सेवा
मार्च के अंतिम हफ्ते से ही प्रदेश की सरकार श्रमिक और मजदूर वर्ग को सुरक्षित उनके घर पहुँचाने का काम कर रही है। देश के दूसरे राज्यों से श्रमिकों को यूपी लाने के लिए योगी सरकार के आग्रह पर 79 ट्रेनें मार्च में चलाई गयी थीं। इसके अलावा दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक 1 मार्च से 30 अप्रैल तक 6 लाख 50 हजार लोगों की वापसी यूपी में हो चुकी है। वहीं अभी तक 522 ट्रेनें 6 लाख से ज्यादा लोगों को प्रदेश वापस लेकर आ चुकी है।
श्रमिकों को दी गई आर्थिक मदद
श्रमिकों को प्रदेश सरकार द्वारा अर्थिक मदद भी दी गयी। मई के महीने में निराश्रित, दैनिक श्रमिकों जैसे 30 लाख से अधिक गरीबों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ₹1000 का भरण-पोषण भत्ता और नि:शुल्क खाद्यान्न दिया गया। इसके अलावा मनरेगा मजदूरों को बढ़े हुए पारिश्रमिक से भुगतान किया गया। 88 लाख से अधिक पेंशनधारकों को दो महीनों की धनराशि अग्रिम उपलब्ध करा दी गई है। इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इस बात की जानकारी दी थी कि उत्तर प्रदेश में 2 करोड़ 34 लाख किसानों के खाते में ₹2-2 हजार की पहली किस्त अप्रैल में और दूसरी किस्त मई माह में भेजी जा रही है। इसके अलावा 3 करोड़ 26 लाख महिलाओं के जनधन खाते में ₹1630 करोड़ अप्रैल में और ₹1630 करोड़ की धनराशि मई माह में भेज दी गई है।
स्वास्थ्य को लेकर प्रदेश सरकार सचेत
स्वास्थ्य विभाग को लेकर भी योगी सरकार पूरी तरह से सचेत है। 11 मई को सीएम योगी (Yogi Adityanath) ने ट्वीट कर बताया था कि, प्रदेश के 600 से अधिक निजी अस्पतालों में समस्त प्रोटोकॉल सुनिश्चित कर इमरजेंसी सेवाएं प्रारंभ की जा चुकी हैं। 2200 से अधिक चिकित्सकों द्वारा प्रतिदिन टेलीमेडिसिन द्वारा रोगियों को परामर्श दिया जा रहा है। ‘आरोग्य सेतु’ एप को अब तक प्रदेश में 1.60 करोड़ लोगों ने डाउनलोड किया है।
कोरोना संक्रमण को रोकने में सफल रहा सबसे बड़ा राज्य
उत्तर प्रदेश जनसंख्या के मामले में सबसे बड़ा राज्य माना जाता है। लेकिन अपनी तैयारियों के चलते यूपी में कोरोना का संक्रमण बाकि राज्यों के मुकाबले कम रहा। यूपी में अभी तक लगभग 5000 मामले ही सामने आये हैं। जो साबित करता है कि योगी सरकार हर मोर्चे पर सफल रही है।
कोरोना के संकट को अवसर में बदलेगी योगी सरकार
योगी सरकार (Yogi Adityanath) जल्द कोरोना के संकट को अवसर में बदल कर रोजगार को बढ़ावा देगी। प्रदेश सरकार यूपी को आने वाले समय में सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की तैयारी कर रही है। जिसके लिए चीन छोड़ रही कई बड़ी कंपनियों को उत्तर प्रदेश में निवेश करने का न्योता दिया गया है। कहा जा रहा है कि करीब 1000 कंपनियां चीन छोड़ कर यूपी से नये बाजार की शुरुआत कर सकती हैं।
रोजगार देने वालो को मिलेगी सब्सिडी
कोरोना से मिले अवसर को योगी सरकार किसी भी कीमत पर हाथ से जाने नहीं देना चाहती। इसके लिए अगर कोई कंपनी 1000 करोड़ के निवेश पर 10000 लोगों को रोजगार देती है तो उसे 15 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी के अलावा उसे 10 प्रतिशत अतिरिक्त कैपिटल सब्सिडी लाभ भी दिया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री के आदेश पर रणनीति भी तैयार कर ली गयी है।
चीन छोड़ रही कंपनियों को मिलेगा विशेष पैकेज
यूपी सरकार सरकार (Yogi Adityanath) चीन से मोह भंग हुई कंपनियों के लिये विशेष पैकेज व सहूलियत देने की तैयारी कर रही है। चीन से आने वाली कंपनियों को आकर्षित करने के लिए प्रदेश सरकार विशेष पैकेज की घोषणा कर सकती है। इसके अलावा औद्योगिक विकास और MSME विभागों को भी राज्य में आने पर पैकेज दिया जाएगा।