21वीं सदी की महिलाएं अब पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। आज भारत के हर विभाग में महिलाएं काम कर रहे हैं चाहे वह सरहद की रक्षा हो या वायु सेना। मेडिकल साइंस से लेकर इसरो में भी भारतीय महिलाओं का दबदबा साफ देखा जा सकता है। वैश्विक स्तर पर भी महिलाओं के द्वारा लगातार देश का मान बढ़ाने का काम किया जा रहा है। इसी बीच बहुत सारे ऐसे विभाग हैं जहां पर महिलाओं के लिए द्वारा अभी तक नहीं खुले थे लेकिन न्यायालयों के दखल के बाद महिलाओं को इन क्षेत्रों में भी काम करने की अनुमति मिलने लगी है। इसी बीच खबर आई है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से महिलाओं को एनडीए में शामिल करने के निर्देश दे दिए गए हैं। अर्थात अब महिलाओं को एक और आजादी मिल चुकी है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर सेना को फटकार भी लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को अब एनडीए यानी नेशनल डिफेंस एकेडमी की परीक्षा में भी बैठने की अनुमति दे दी है। यह आदेश इसी साल 5 सितंबर को होने वाली एनडीए की परीक्षा से लागू होगा। मामले की सुनवाई के दौरान सेना ने कहा कि एनडीए परीक्षा में महिलाओं को शामिल न करना पॉलिसी डिसिजन है। फटकार लगाते हुए कहा कि यदि यह पॉलिसी डिसिजन है तो यह भेदभाव से पूर्ण है। हालांकि 5 सितंबर को परीक्षा में बैठने का आदेश सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन होगा।