बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत से शुरू हुआ कंगना रनौत और शिवसेना का विवाद अब और गर्माता जा रहा है। महाराष्ट्र में अचानक आए इस भूचाल ने कांग्रेस की चिंता इसलिए भी बढ़ा दी है क्योंकि इसका असर अभी से बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव पर पड़ता दिखाई दे रहा है। शिवसेना ने सुशांत राजपूत के केस को इतना पेचीदा कर दिया है कि बिहार के लोग शिवसेना के साथ कांग्रेस के बहिष्कार की मांग भी करने लगे है।
दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने सुशांत की मौत और कंगना-शिवसेना के विवाद से मौकों को भुनाना शुरू कर दिया है। दोनों ही मुद्दों पर भाजपा सावधानी से कदम रख रही है। जो इस बात की ओर इशारा करने के लिए काफी है कि बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा को मुद्दा मिल गया है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए समीकरण भी इस बात की गवाही दे रहें है कि भाजपा को शिवसेना की गलतियों से बिहार विधानसभा चुनाव में फायदा मिलेगा।
महाराष्ट्र में अभी तक भाजपा विवाद पर ज्यादा कुछ बोलने से बच रही है। मुंबई और POK वाले कंगना के बयान पर भाजपा ने चुप्पी साधे रखी जबकि कंगना के दफ्तर तोड़े जाने पर भाजपा ने शिवसेना पर जमकर निशाना साधा। जिसने लोगों को विश्वास दिला दिया कि भाजपा भी सुशांत और कंगना के साथ है। भाजपा ने अपने कुछ नेताओं को भी मैदान में उतार दिया है। जो महाराष्ट्र में जारी विवाद पर आलाकमान के निर्देशानुसार बयान देंगे। भाजपा बैकफुट पर रहकर शिवसेना पर निशाना साध रही है। वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बिहार चुनाव का प्रभारी बनाना इसी कड़ी में भाजपा का पहला कदम है। देवेंद्र फडणवीस पर अब महाराष्ट्र में अपनी छवि को कायम रख कर बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता में वापसी कराने की बड़ी जिम्मेदारी होगी।