COVID-19 को हराने के लिए इस समय पूरा देश एक साथ खड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस समय पूरे देश में 14 अप्रैल तक 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित है। इसी बीच पीएम मोदी ने शुक्रवार की सुबह देश के लोगों के साथ एक बार फिर वीडियो सन्देश जारी किया। इस वीडियो का मकसद लोगों को कोरोना के खिलाफ सतर्क करने का था। इस दौरान पीएम मोदी ने देश की जनता से रविवार रात 9 बजे 9 मिनट तक अपने घरों की सभी लाइट बंद कर घरों के बाहर दीप या टॉर्च जलाने की अपील की। जिस प्रकार जनता कर्फ्यू के दिन लोगों ने घरों के बाहर थाली बजाकर पीएम मोदी का समर्थन किया था, उसके बाद ये तो तय है कि करोड़ों लोग रविवार को भी एक साथ अपने घरों की लाइट बंद करने वाले हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस तरह एक साथ घरों की लाइट बंद करने से बड़ा नुकसान भी हो सकता है?
दरअसल लाइट बंद करने के बाद एक साथ दोबारा चालू करने पर पावर स्टेशन्स को अधिक CO2 का उत्सर्जन करना पड़ेगा, जिसका मतलब जेनरेटर पर अधिक जोर डालना। इस स्थिति में राज्यों की ग्रिड पर बड़ा असर पड़ने की भी संभावना है।
वहीं बोले इंडिया ने जब उत्तर प्रदेश पावर जनरेशन प्लांट के एक इंजीनियर से इस मामले को लेकर बात की तो उनका भी यही कहना था कि एक साथ लाइट बंद करने के बाद पुनः शुरू करने पर ग्रिड फेल होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि उन्होंने ये भी बताया कि अगर घरों में एक या दो LED बल्ब या पंखे को चलता छोड़ दिया जाए तो इस स्थिति से बचा जा सकता है।
हम आशा करते हैं कि पीएम मोदी द्वारा ये निर्णय बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद ही लिया गया होगा लेकिन कहीं न कहीं ये सवाल जरूर उठता है कि, क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस आह्वान के चलते देश के एक बड़े हिस्से में कोई नै मुसीबत न खड़ी हो जाये? हालांकि इस निर्णय पर अभी भी भारत सरकार द्वारा विचार किया जा सकता है क्योंकि लॉकडाउन के बीच अगर बिजली की कोई बड़ी समस्या उत्पन्न हुई तो कोरोना साथ-साथ सरकार को एक और बड़ी समस्या से जूझना पड़ सकता है।
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