मई के महीने में पीएम नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की बात की। फिर लद्दाख में सीमा पर चीन से तनाव हो गया। 15 जून को हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। जवाबी कार्यवाही में चीनी सेना को भी भारी नुकसान होने की खबरें हैं। जब से सीमा पर तनाव की खबरें सामने आई हैं तब से चीन के सामान के बहिष्कार की बात और भी तेज हो रही है। चीनी प्रॉडक्ट नहीं खरीदने की अपील की जा रही है। चीनी कंपनियों के ही बनाए स्मार्टफोन (smartphone market) और ऐप से चीनी सामान के बहिष्कार की माँग जोर पकड़ रही है।
आपको जानकारी से अवगत करा दे की भारत में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के कुल आयात में चीन की 45 फीसदी की हिस्सेदारी है। इसके अलावा कुछ मोबाइल फोन कंपोनेंट्स का 90 फ़ीसदी तक आयात चीन से होता है। ऐसे समय में जब ‘बॉयकॉट चाइनीज प्रॉडक्ट्स’ के ट्रेंड्स चल रहे हैं, मोबाइल फोन से कैम्पेन लॉन्च किए जा रहे हैं। भारतीय बाजार में चीन के स्मार्टफोन की हिस्सेदारी कितनी है!
जानिए क्या कहते है आंकड़े
रिसर्च फर्म काउंटरपॉइंट की रिपोर्ट के मुताबिक 2020 की पहली तिमाही यानी जनवरी से मार्च के बीच भारतीय स्मार्टफोन मार्केट (smartphone market) में चीनी कंपनियों की हिस्सेदारी 70% से भी ज्यादा है। कहने का मतलब है कि 100 में 70 लोगों के पास चीन के स्मार्टफोन हैं। देश के टॉप-5 स्मार्टफोन ब्रांड में से चार ब्रांड चीन के हैं। सबसे ज्यादा 30% मार्केट शेयर शाओमी का है और दूसरे नंबर पर 17% मार्केट शेयर के साथ वीवो है। टॉप-5 में सिर्फ सैमसंग है जो कि दक्षिण कोरियाई कंपनी है। सैमसंग का मार्केट शेयर भारत में 16% है। भारत का स्मार्टफोन मार्केट करीब दो लाख करोड़ रुपए का है। इसमें से ज्यादातर शेयर चीनी कंपनियों का है। जिसमे 27% हिस्सेदारी शाओमी जैसी चीनी कंपनियों का है।