देशभर में किसान संगठन पिछले 2 महीने से दिल्ली से सटे हुए सभी बोर्डर पर धरना प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन गणतंत्र दिवस के दिन हुए हिंसा के बाद अब उनका साथ दे रहे कई ग्रामीण लोगों ने भी आवाज उठाना शुरू कर दिया है। दरअसल दिल्ली और जयपुर हाईवे के पास जो भी किसान धरना प्रदर्शन कर रहे थे। उनका विरोध अब वहां मौजूद ग्रामीणों ने करना शुरू कर दिया और उन्हें 3 दिनों का अल्टीमेटम दिया कि वह जल्द से जल्द गांव को खाली कर दें और यह सारा तमाशा बंद करें। वहीं दूसरी ओर गांव वालों ने किसान आंदोलन के संयोजक योगेंद्र यादव का बीते दिन पुतला जलाकर लाल किले पर हुई हिंसा का जमकर विरोध किया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीणों की मसानी के सरपंच कैप्टन लाला राम की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में गांव वालों ने दावा किया कि पिछले 1 महीने से आंदोलनकारियों ने दिल्ली और जयपुर के हाईवे को अपना अड्डा बना दिया है, जिसकी वजह से ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है, लेकिन बीते दिन गणतंत्र दिवस के अवसर पर लाल किले पर जो देश का अपमान किया गया, देश के तिरंगे का अपमान किया गया है। वह ग्रामीण अब बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। इसलिए उन्हें 3 दिनों के अंदर दिल्ली जयपुर हाईवे को खाली करना पड़ेगा, जिसके बाद किसान उस जगह को खाली करने के बारे में सोच रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर बता दे गणतंत्र दिवस के दिन हुए हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस ने 40 जगहों पर अलग-अलग f.i.r. किसानों के खिलाफ दर्ज की है, जिसमें किसान संगठन के कई नेताओं का भी नाम शामिल है, जिसमें महत्वपूर्ण नाम राकेश टिकैत का है। बता दे FIR में उन नेताओं का भी नाम शामिल है, जो केंद्र सरकार से वार्ता के दौरान मौजूद रहते थे और जिन्होंने गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर मार्च निकालने के लिए दिल्ली पुलिस से इजाजत मांगी थी, लेकिन उन्हीं नियमों को चकनाचूर करते हुए लाल किले पर अपना झंडा फहराया था।