पूरे भारत के लिए 5 अगस्त का दिन किसी ऐतिहासिक लम्हे से कम नहीं है। सदियों से कानूनी लड़ाई में फंसा करोड़ो हिंदू आस्था का प्रतीक राममंदिर का निर्माण अब होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या जाकर मंदिर परिसर में भूमिपूजन किया और मंदिर निर्माण की नींव रखी। राममंदिर निर्माण में यूँ तो कई ऐसे चेहरे थे जिन्होंने सामने आकर मंदिर के निर्माण में सहभागिता दिखाई लेकिन कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने मन ही मन में संकल्प लेकर राममंदिर के भव्य निर्माण के लिए तपस्या की।
इन्ही में से एक नाम था जबलपुर की रहने वाली उर्मिला चतुर्वेदी का है। 81 साल की हो चुकी उर्मिला चतुर्वेदी ने पिछले 28 साल से सिर्फ इसलिए उपवास रखा क्योंकि वह अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण होते देखना चाहती थी। अब जब रामलला अयोध्या में विराजमान हो चुके हैं तो उर्मिला चतुर्वेदी ने अपना संकल्प पूरा कर उपवास को खत्म कर दिया है।
1992 में जब बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ और उसके बाद मंदिर निर्माण को लेकर खूनी संघर्ष हुआ, तभी उर्मिला चतुर्वेदी ने प्रण लिया था कि जब तक अयोध्या में राममंदिर निर्माण नहीं हो जाता तब तक वह अनाज ग्रहण नहीं करेंगी। उर्मिला चतुर्वेदी का संकल्प इतना मजबूत था कि उन्होंने पिछले 28 साल से अन्न को हाथ नहीं लगाया और सिर्फ फलाहार में ही जिंदा रही।